हेम कुमार शर्मा: पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ, एक नेकदिल वरिष्ठ पत्रकार
अख़बारों के तारीक़ी इतिहास में हेम कुमार शर्मा का नाम स्वयं ही एक प्रतीक है। उनके उदार विचार और समर्पण की वजह से उन्होंने इटावा की पत्रकारिता को नई दिशा और प्रतिष्ठा प्रदान की। पत्रकारिता हमारे समाज की रूपरेखा तैयार करती है। जब इसके पीछे कुशल और समर्पित पत्रकार होते हैं, तो उस समाचार की सटीकता और मूल्य बढ़ जाता है। इटावा में हेम कुमार शर्मा खबरों के जानकार, बेहद शौम्य, उदार और नेकदिल वरिष्ठ पत्रकार का नाम है।
हेम कुमार शर्मा का जन्म 24 जनवरी 1959 को उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा के कस्बा बसरेहर में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. देवी दास शर्मा और मां का नाम स्व. हरिकेश कुमारी था। हेम कुमार शर्मा की पत्नी का नाम श्रीमती विनोद बाला है, उनके दो बेटे है मधुर शर्मा और ध्रुव उर्फ अभिषेक शर्मा, मधुर शर्मा अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित करने में प्रयासरत है। हेम कुमार शर्मा की दो बेटियां है पूजा शर्मा और ऋचा शर्मा।
हेम कुमार शर्मा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा बसरेहर गांव में पूरी की और उच्च शिक्षा जनपद मथुरा से प्राप्त की। उनका शिक्षा के प्रति लगाव उन्हें पत्रकारिता में आगे बढ़ाने में उपयोगी साबित हुआ।
हेम कुमार शर्मा ने पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक इटावा मेल से की वहां उन्होंने तीन साल तक कार्य किया। बाद में उन्होंने दैनिक जागरण इटावा में लगातार 27 साल तक संवाददाता के रूप में काम किया।
हेम कुमार शर्मा का जीवन समाजसेवा में भी समर्पित रहा। वे श्री रामलीला समिति बसरेहर के संयोजक है और उस समिति में बीते 30 साल से लगातार सेवा दे रहे है, 25 साल लगातार रावण की भूमिका निभाई, इनके नेतृत्व में बसरेहर रामलीला के कलाकारों को सैफई महोत्सव में भी रामलीला का मंचन करने का मौका मिला।
बसरेहर रामलीला से सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख डॉ अजंट सिंह यादव सहित कई प्रमुख लोग रामलीला में कई दशकों से भाग ले रहे हैं। उनकी समाजसेवा और पत्रकारिता में दृढ निष्ठा है, जिससे वे लोगों के दिलों में बसे है।
हेम कुमार शर्मा समाज में हो रहे बदलावों के प्रति उत्साहित रहते है और उन्हें सुधारने के लिए पत्रकारिता के माध्यम से सक्रिय रूप से काम करते है। हेम कुमार शर्मा का पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान अमूल्य है, इससे उन्हें लोगों के दिलों में एक ख़ास जगह मिली। 1999 में जब मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश पुलिस ने संयुक्त रूप से डाकू मारो अभियान का श्री गणेश किया, उसी दिन बीहड़ में कुख्यात दस्यु निर्भय गुर्जर द्वारा विशाल यज्ञ की खबर प्रकाशित कराकर राष्टीय मीडिया को बीहड़ में लाने की अहम भूमिका निभाई थी।
कचहरी में रोजाना काफी समय देकर गरीबों मजलूमों के दर्द को प्रमुखता से प्रकाशित करके उनकों राहत दिलवाने में योगदान किया। हेम कुमार शर्मा मार्च 2022 में ह्रदयाघात के बाद अब घर से ही लेखन का कार्य कर रहे हैं, उनका पत्रकारिता के प्रति समर्पण और सेवाभाव उन्हें अभी भी सक्रिय किए हुए है।
हेम कुमार शर्मा की लेखनी और रिपोर्टिंग दोनों ही शानदार है। उन्होंने अपने विचारों और जानकारी से लोगों को सच्चाई की ओर मोड़ने का प्रयास किया। उन्हें लोगों की समस्याओं और मुद्दों को उजागर करने में खास महारत हासिल है। इससे उन्हें समाज में गहरी पहचान मिली और लोगों के दिलों में स्थान बनाया।