भरथना- ग्रेटर नोएडा और हरियाणा में गिरफ्तार किसानों को रिहा करने और किसानों की मांगों को पूरा करने के सम्बंध में संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित पाँच सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार अशोक कुमार सिंह को सौंपा। जिसकी एक-एक प्रति दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी भेजी गई है।
स्थानीय तहसील मुख्यालय स्थित तहसीलदार के कार्यालय में उन्हें ज्ञापन पत्र सौंपने के दौरान ब्लाक अध्यक्ष रामकिशन यादव, सुनील कुमार, इन्द्रेश कुमार, कृष्णपाल, अरूण कुमार, कौशलेन्द्र कुमार, राहुल यादव, राहुल कुमार, मनीष यादव आदि ने बताया कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय के सामने 23 अप्रैल से किसान अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे। भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूमि का प्लाट देने वाला समझौता पूर्व में हुआ था जिसको उच्च न्यायालय इलाहाबाद में पेश कर न्यायालय का आदेश हो चुका था। लेकिन प्राधिकरण ने मात्र 6 प्रतिशत विकसित प्लाट दिया है। किसान पूरा 10 प्रतिशत प्लाट दिए जाने की मांग कर रहे थे। भूमिहीनों को 40 वार्गमीटर का प्लाट दिए जाने, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू कर बाजार रेट का चार गुना देने, बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने आदि की मांग कर रहे थे। मांगों पूरा करने के बजाय प्राधिकरण प्रशासन ने हठ धर्मिता अपनाई और तानाशाही पूर्वक किसानों के आंदोलन को कुचलना चाहा। रात के अंधेरे में कायरता दिखाते हुए आंदोलनरत 33 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हरियाणा में सूरजमुखी की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदऔर एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहे किसानों पर हरियाणा सरकार ने लाठी डंडे बरसा कर दमन का रास्ता अपनाया और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी सहित दर्जनों किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। किसान नेताओं ने पाँच सूत्रीय मांग पत्र में गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाये, किसानों की जनहित की मांगों को पूरा कराया जाए, सूरजमुखी की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीद के लिए हरियाणा सरकार को निर्देशित करें, एमएसपी की गारंटी कानून बने, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाए, आदि मांगों का जिक्र करके उन्हें पूरा करने की बात कही।