जनपद इटावा में निहाल पत्रकारिता के क्षेत्र में एक बहुत चर्चित नाम है निहाल का पूरा नाम वहाज अली खान उर्फ निहाल है। निहाल का जन्म 1 जुलाई 1979 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के भोगांव में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. मुश्ताक अली खान है जो एक सफल व्यापारी थे। निहाल की माँ का नाम स्व. डॉ. सिराज फातिमा है, जिन्होंने 35 साल से अधिक का समय तक बेसिक शिक्षा विभाग में सेवाएं दी है। वर्ष 2020 में उन्होंने इटावा नगर के शाहकमर जूनियर हाईस्कूल से सेवानिवृत्त प्राप्त की, निहाल की माँ का निधन 2022 में हो गया। निहाल अपनी माँ के बहुत प्रिय रहे है।
निहाल की पत्नी काशिफा नाज हैं, जो एक अधिवक्ता है। उनके दो बच्चे हैं, हुमैज़ा अली खान और हैदर अली खान। हुमैज़ा और हैदर सेंटमेरी इंटर कॉलेज इटावा में अध्ययनरत हैं।
निहाल ने अपनी प्राथमिक शिक्षा एचएमएस इस्लामिया इंटर कॉलेज, इटावा में पूरी की। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, मध्य प्रदेश से प्राप्त की।
इटावा के मशहूर शायर रोनक इटावी निहाल के लिए लिखते है
ख़ुशी की हर घड़ी वहाज तुम्हें मुबारक हो,
उरुजे ज़िंदगी वहाज तुम्हें मुबारक हो
पत्रकारों ने कहा सबने आज ख़ुश होकर
निशाते ज़िंदगी वहाज तुम्हें मुबारक हो
वहाज अली खान “निहाल” एक पेशेवर पत्रकार हैं और उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण समाचार पत्रों के साथ कार्य किया है। निहाल द इंडियन एक्सप्रेस में जनपद में ज़िला संवाददाता रहे। उन्होंने अपने पत्रकारिता के करियर में कई प्रमुख संवाददाता पदों पर काम किया हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय सहारा न्यूज़ समाचार पत्र में सिटी रिपोर्टर के रूप में कार्य किया था। उन्होंने सहारा समय में सहायक संवाददाता के रूप में भी काम किया। वे दैनिक कानपुर उजाला के ब्यूरो चीफ रह चुके हैं और ACN हलचल न्यूज़ में सीनियर रिपोर्टर के पद पर भी कार्य किया हैं।
उन्होंने दैनिक दिनरात सिटी रिपोर्टर, दैनिक स्वतंत्र चेतना सिटी रिपोर्टर और चर्चित चेहरे पत्रिका में भी काम किया हैं। उन्होंने सी न्यूज़, भारत टी वी चैनल में ब्यूरो चीफ के पद पर भी रिपोर्टिंग की हैं।
15 सितंबर 2000 को इटावा कचहरी में घटित हुए चर्चित लाठीचार्च कांड में निहाल ने अद्भुत पत्रकरिता दिखाई। उस घटना में इटावा के तत्कालिक सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस और पीएसी ने मिलकर धरने पर बैठे अधिवक्ताओं के साथ वहां मौजूद जनसमूह पर बेदर्दी से लाठीचार्च शुरू कर दी। बताते चले इटावा के वरिष्ठ अधिवक्ता और उनके परिवार की लोमहर्षक हत्या के विरोध में इटावा के अधिवक्ताओं द्वारा उस समय धरना और नारेवाजी की जा रही थी।
इस लाठीचार्च में कवरेज के लिए मौजूद पत्रकारों को भी काफी चोटें आई और उनके कैमरे को भी नुकसान पहुंचा। केवल निहाल ही अपनी समझदारी से अपना कैमरा बचा सके।
घटना के बाद प्रेस क्लब इटावा के अध्यक्ष रहे स्व. रामनारायण गुप्ता ने निहाल से लाठीचार्च की फोटो एवं जानकारी ली और उसे इटावा के सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई। निहाल द्वारा ली गई फोटो को इटावा के वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शाक्य ने यू एन आई को भेजा, जिससे यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी।
15 फरवरी 2003 में इटावा नुमाइश मैदान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. मुलायम सिंह यादव और सुपरस्टार अमिताभ बच्चन से निहाल की एक रैली के दौरान मुलाकात हुई। और उनके साथ तस्वीरें ली, जो इटावा में बहुत ही चर्चा का विषय बनी।
निहाल अपने पत्रकारिता जीवन में दैनिक दिनरात के संपादक रहे अज़ीज़ अहमद और जनपद इटावा के वरिष्ठ पत्रकार, शानदार लेखक पुष्कर दुवेदी को अपना गुरु मानते है। इन दोनों लोगों से निहाल को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला है। निहाल के दिल में इन दोनों लोगों के प्रति बहुत सम्मान है।
शहर में अधिकांश धार्मिक कार्यक्रमों में, चाहे वह शहर में आयोजित होने वाले मोहम्मदी जुलूस, वारसी दरगाह का वार्षिक उर्स मुबारक, किसी भी धर्म की शोभा यात्रा या मोहर्रम का त्योहार हो, निहाल की पूरी कोशिश रहती है कि कवरेज बहुत शानदार तरीके से हो और यह प्रयास सफल भी होता है, क्योंकि निहाल का मानना है की एसे कार्यक्रमों में हजारों लोगों की श्रद्धा जुड़ी होती है।
निहाल लिखते है
पत्रकारिता सिर्फ एक जुनून है।
हर सुबह एक नया संघर्ष लेकर आती है।
आज क्या नया हो जिससे समाज का भला हो।
वर्तमान में निहाल हिंदी दैनिक अवधनामा में जनपद इटावा के ब्यूरों चीफ के पद पर 2012 से कार्य कर रहे हैं। उनकी योग्यता, कार्यकुशलता और व्यापक ज्ञान ने उन्हें इटावा के पत्रकार समुदाय में सबका प्रिय बना दिया है।
दैनिक अवधनामा के ब्यूरों चीफ के तौर पर निहाल ने सच्ची और उच्चस्तरीय पत्रकारिता को प्रमुखता दी है। उनका जुनून, व्यापक ज्ञान और समर्पण ने इटावा के सामाजिक, राजनीतिक मामलों को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत किया है।
निहाल को उनके कार्यों और योगदान के लिए बहुत सारे सम्मान और पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें लखनऊ में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा द्वारा सम्मानित किया जाना, इटावा पुलिस लाइन में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्मानित किया जाना, प्रेस क्लब इटावा में कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया जाना, हिंदी पत्रकारिता दिवस पर प्रेस क्लब इटावा में सम्मान, जैसे कुछ महत्वपूर्ण सम्मान है जिन्हें यहाँ उल्लेखित किया जाना आवश्यक है।