Monday, November 17, 2025

दि‍लों पर राज करती है जनपद प्रदर्शनी, फुव्वारा है ‘हृदय स्थल’ यहां होता है बि‍छड़ों का मि‍लन

Share This

शताब्‍दी वर्ष भी मना चुकी है प्रदर्शनी

इटावा जनपद की संस्‍कृति‍ से जुड़ी जनपद प्रदर्शनी अपने जीवन के एक सौ वर्ष पूरे कर चुकी है। तत्‍कालीन जि‍लाधि‍कारी एच. के. ग्रेसी ने नवम्‍वर 1888 में पहली बार पक्‍का तालाब के चारों ओर प्रदर्शनी और मेले का आयोजन कि‍या था और वर्ष 1893 तक इसी स्‍थान पर प्रदर्शनी लगती रही, लेकि‍न इसके बाद कुछ वर्षों के लि‍ए इस पर ब्रेक लग गया। 17 वर्ष बाद 1910 से दोबारा जि‍स स्‍थान पर यह प्रदर्शनी लगनी शुरू हुई तो इति‍हास गवाह है कि प्रदर्शनी बगैर कि‍सी रूकावट के नि‍रन्‍तर लगती आ रही है और वर्ष 2009 में प्रशासनि‍क स्‍तर पर इसका शताब्‍दी वर्ष भी काफी जोरदारी के साथ मनाया गया जि‍सका शुभारम्‍भ कानपुर मण्‍डल के आयुक्‍त ने कि‍या था।‍

शताब्‍दी वर्ष में ही पहली बार प्रदर्शनी के इति‍हास में कई नये आयाम जुड़े और प्रत्‍येक वर्ष एक माह तक चलने वाली प्रदर्शनी 45 दि‍न तक चली तथा पण्‍डाल में आयोजि‍त होने वाले दि‍न और रात के सभी रंगारंग कार्यक्रमों का पहली बार शहरी दर्शकों ने टेलीवि‍जन  पर सीधा प्रसारण भी अपने – अपने घरों पर देखा तो वहीं  कड़ाके की सर्दी के बावजूद खचाखच भरे पण्‍डाल में भी बैठ कर आनंद लि‍या। खास बात यह रही कि‍ पण्‍डाल में आयोजि‍त होने वाले कार्यक्रमों ने लोगों के दि‍लों भी छूने का काम कि‍या।

गर्मियों की प्रदर्शनी से जुड़ा नया अध्‍याय

प्रदर्शनी में वर्ष 2006 में एक नया अध्‍याय उस समय जुड़ गया जब 6 मई को ग्रीष्‍मकालीन प्रदर्शनी का पहली बार शुभारम्‍भ कि‍या गया।खेल तमाशों के ठेकेदार टीपू यादव के प्रयासों से शुरू हुई इस प्रदर्शनी से उन बच्‍चों के चेहरों पर खुशि‍यां देखने को मि‍ली जो गर्मियों की छुटटि‍यों में कि‍न्‍ही कारणोंवश ननि‍हाल नहीं जा पाते।

भले ही गर्मियों की यह नुमाइश सर्दियों में लगने वाली नुमाइश की अपेक्षा ज्‍यादा सुर्खियां नहीं बटोर पा रही हो लेकि‍न बच्‍चों को खूब भा रही है। गर्मियों के चलते प्रदर्शनी में रौनक रात्रि‍ 8 बजे के बाद ही देखने को मि‍लती है। हांलाकि‍ यह प्रदर्शनी भी पूरे एक माह चलती है।

 ‘वि‍कास प्रदर्शनी’ के जरि‍ये दि‍खाते हैं लोग अपने हुनर

यह प्रदर्शनी हर वर्ग के लोगों को इस कदर लुभाती है कि‍ इसके लगने का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। प्रदर्शनी में लगने वाली ‘वि‍कास प्रदर्शनी’के जरि‍ये न सिर्फ शहर,जनपद एंव आस- पास के जनपदों के लोग भी अपनी कला एंव हुनर का प्रदर्शन भी करते हैं,जि‍न्‍हे समापन अवसर पर प्रमाण पत्र एंव पुरस्‍कार देकर सम्‍मान भी प्रदान कि‍या जाता है। प्रदर्शनी आने वाले लोग भी इसे देखना नहीं भूलते।

बात पण्‍डाल की करें तो इसके जरि‍ये भी जनपद की हर फन की माहि‍र लेकि‍न उभरती हुई प्रति‍भायें दर्शकों को लुभाती हैं। यही नहीं इस पण्‍डाल में बच्‍चों,युवाओं,युवति‍यों,महि‍लाओं व पुरूषों के कार्यक्रम तो होते ही हैं साथ ही जनपद एंव अखि‍ल भारतीय स्‍तर के कार्यक्रमों में कवि‍ सम्‍मेलन,संगीत सम्‍मेलन,कब्‍बाली,मुशायरा भी होते हैं अखि‍ल भारतीय कवि सम्‍मेलन की ख्‍याति‍ तो पूरे देश में सुनी जाती है‍। यही नहीं अखि‍ल भारतीय स्‍तर के खेलों में हॉकी,दंगल,कुश्‍ती भी आयोजि‍त होते हैं। इनके अलावा धार्मिक स्‍तर के,सैनि‍क सम्‍मेलन,पेंन्‍शनर सम्‍मेलन, स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्‍मेलन, वि‍कलांग सम्‍मेलन इत्‍यादि‍ कार्यक्रम भी आयोजि‍त होते हैं।

प्रदर्शनी जि‍से लोग प्‍यार से कहते ‘नुमाइश’ 

प्रदर्शनी जि‍से लोग प्‍यार से ‘नुमाइश’ कहते हैं को देखने आने वाले दर्शक यदि‍ फुब्‍बारे का अवलोकन न करें तो ऐसा हो नही सकता। इसे लोग देखते ही नहीं बल्‍ि‍क इसके पास सीमेन्‍टेड पटि‍यों पर बैठ कर मूंगफली खाने और गपशप करने का आनंद ही कुछ ओर आता है। यही वजह है कि‍ इसे पूरी प्रदर्शनी का ‘हृदय स्‍थल’ कहा जाता है। यही ऐसी जगह है कि‍ जब भी अत्‍यधि‍क भीड़ के चलते जब कोई बच्‍चा खो जाता है अथवा अपने कि‍सी प्रि‍यजन को प्रदर्शनी में बुलाना हो तो लोग रेडि‍यो प्रसारण के चलते इसी स्‍थान पर मि‍लने की घोषणा करवातें हैं। खास बात यह है कि‍ रेडि‍यो पूरे शहर में लगवाये जाते हैं जि‍नके जरि‍ये पूरे 12 घन्‍टे तक भक्‍ि‍त   एंव फि‍ल्‍मी गीत बजते हैं एंव खोने पाने जैसी घोष्‍ाणायें भी समय- समय पर होती रहती हैं।बात यदि‍ मनोरंजन से भरपूर कार्यक्रमों की करें तो यहां मौत का कुंआं,सर्कस,कालाजादू,आकाशीय झूले  भी आते हैं।

जि‍ले की जनता की भावनाओं से  जुड़ी इस प्रदर्शनी में राष्‍ट्रीय  एकता, देश प्रेम  के भाव  दि‍खते है।

प्रदर्शनी में पहले पशु मेला लगता था जहां दूर –दूर के गांवों  जि‍लों  से आकर कि‍सान पशुओं  की खरीद-फरोख्‍त करते रहे है । प्रदर्शनी  में घरेलू उपयोग, भौति‍क बस्‍तुओं आदि‍ की बड़ी-बड़ी दुकानें लगती हैं। लोग विभि‍न्‍न प्रकार की दुकानों  से लोग खरीद-फरोख्‍त करते हैं। वर्तमान जि‍लाधि‍कारी अवनीश कुमार राय प्रदर्शनी के अध्‍यक्ष, अविनव रंजन श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी, सचिव एवं विक्रम सिंह राघव, जनरल सेक्रेटरी, प्रदर्शनी इटावा है  प्रदर्शनी कार्यकारि‍णी के सदस्‍य भी हैं जो बैठक कर आपसी नि‍र्णय से कार्यक्रम सम्‍पन्‍न कराते हैं।

Share This
Ashish Bajpai
Ashish Bajpaihttps://etawahlive.com/
Content Writer, Call-7017070200, 9412182324, Email-cimtindia@gmail.com, बस एक क्लिक में जाने अपने इटावा को।
spot_img
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

वोट करें

हमारा इटावा

जब अंग्रेजों ने इटावा छोड़ने का फरमान दि‍या

इस बीच ह्यूम  ने एक और दूरदर्शी कार्य कि‍या था। उन्‍होंने  इटावा में  स्‍ि‍थत खजाने का एक बड़ा भाग आगरा भेज दि‍या था तथा...

शिक्षाविद

कैलाश चंद्र यादव: नव युग के शिक्षा क्रांतिकारी का प्रेरणादायक सफ़र

कैलाश चंद्र यादव एक प्रख्यात शिक्षाविद् हैं जो पानकुंवर इंटरनेशनल स्कूल, मानिकपुर मोड, ग्वालियर बाईपास, इटावा और पानकुंवर इंटरनेशनल स्कूल, सराय दयानत के प्रबंधक...

राजनीतिज्ञ

दिलीप यादव बबलू: जनप्रिय एवं समाजसेवी युवा भाजपा नेता

दिलीप यादव बबलू: जनप्रिय एवं समाजसेवी युवा भाजपा नेता दिलीप यादव बबलू, बसरेहर के ब्लॉक प्रमुख, एक जनप्रिय नेता हैं। उनका जन्म 27 जून, 1986...

प्रशासनिक अधिकारी

जनता के साथ खड़े रहने वाले जिलाधिकारी इटावा शुभ्रांत कुमार शुक्ल(IAS)

शुभ्रांत कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में हुआ। प्रारम्भिक जीवन से ही वे अध्ययन में अत्यंत...

प्रमुख संस्थान

इटावा लाइव के साथ डिजिटल एडवरटाइजिंग के लाभ

जनपद इटावा में विगत 13 वर्षो से न्यूज़ एवं आर्टिकल को लेकर एक विशेष स्थान रखने वाले इटावा लाइव के माध्यम से आप अपना...

चिकित्सक

डॉ. मनीष कुमार: इटावा में वैदिक पद्दति से इलाज करने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक

आयुर्वेद, भारतीय लोगों के जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने के लिए सदियों से जानी जाती हैं। इसी को आधार बनाकर जनपद इटावा...

चर्चित व्यक्तिव

शब्दों के जादूगर स्व. व्रजेंद्र गौड़ का इटावा से फिल्मी दुनिया में फिल्मफेयर तक का सफ़र

व्रजेंद्र गौड़ का जन्म 1 अप्रैल 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा में हुआ। वे हिंदी सिनेमा के एक प्रतिभाशाली पटकथा और संवाद लेखक...

पत्रकार

इटावा के लोगों के सदैव प्रिय : वरिष्ठ पत्रकार सोहम प्रकाश

सोहम प्रकाश एक कर्मठ, सौम्य, सच्चे और निर्भीक पत्रकार हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1974 को उत्तर प्रदेश के लालपुरा इटावा में हुआ। सोहम...

टॉप आर्टिकल्स

शरद तिवारी की अनमोल सेवा, लावारिस शवों को दिलाई गरिमामयी विदाई

शरद तिवारी: एक समर्पित समाजसेवी इटावा में शरद तिवारी का नाम समाज सेवा और मानवता के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है।...

व्यवसायी

उर्मिला शाक्य: “द लेडी कैफे” की प्रबंधक एवं ब्यूटी वेलनेस सेवाओं की अग्रणी विशेषज्ञ

उर्मिला शाक्य इटावा के बेहतरीन ब्यूटी सलून "The Lady Cafe- Makeup Studio, Salon and Academy"  की प्रबंधक हैं। वह ब्यूटी और वेलनेस सेवाओं में...

समाजसेवी

गौरैया की चहचहाहट में जीवन खोजती एक शिक्षिका : डॉ. सुनीता यादव

डॉ॰ सुनीता यादव का जन्म 21 जून 1976 को मैनपुरी जनपद के ग्राम अण्डनी, करहल में हुआ। पिता स्वर्गीय रामनारायण यादव, जो करहल के...

पूर्व अधिकारी

प्रणता ऐश्वर्या (IAS): एक समर्पित और न्यायप्रिय प्रशासनिक अधिकारी

प्रणता ऐश्वर्या (IAS): एक समर्पित और न्यायप्रिय प्रशासनिक अधिकारी प्रणता ऐश्वर्या 2019 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, और इटावा में मुख्य विकास अधिकारी के पद...