इटावा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत जनपद में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अलग-अलग कार्य क्षेत्रों में जिस तरह का प्रदर्शन कर रही हैं वह जनपद में महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। इसी क्रम में बकेवर निवासी अंजलि ने मूर्ति बनाने के हुनर से अलग पहचान बनाई और अब धीरे-धीरे उनके सपनों की उड़ान भी ऊंची हो रही है।
अंजलि ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, पति महिपाल सिंह प्राइवेट जॉब करते हैं। इसलिए आय के साधन को बढ़ाने के लिए वर्ष 2021 में जय दुर्गे मां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह को कुछ आर्थिक मदद मिली। इससे मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया व धीरे-धीरे एनआरएलएम के माध्यम से छोटी-छोटी प्रदर्शनी और मेले में लोगों ने मूर्तियों को खरीदना शुरू कर दिया। इससे रुचि और बढ़ी और अब मूर्ति बनाने के काम को प्रमुखता से लिया और अब यह काम मेरी आजिविका का साधन बन गया है।
अंजलि बताती हैं-मूर्ति बनाने के प्रति रुचि बचपन से ही थी क्योंकि भाई शैलेंद्र बहुत अच्छे मूर्तिकार हैं। उनके सानिध्य में रहकर मूर्ति बनाने का काम सीखा था और आज भाई की प्रेरणा से ही बेहतर काम कर पा रही हूं। अब अपने समूह की महिलाओं को भी धीरे-धीरे इस काम को करने का प्रशिक्षण दे रही हूं जिससे बड़े स्तर पर हम मूर्ति बनाने का काम कर सकें। अंजलि बताती हैं वह हिंदी से परास्नातक करने के बाद कुछ दिन नौकरी की तलाश में जरूर रहीं लेकिन समूह से जुड़ने के बाद जिस तरह से मूर्ति बनाने के काम को करना शुरू किया उससे आत्मविश्वास को बढ़ावा मिला और आज मेरी मूर्तियों को पूरे जनपद में ही नहीं प्रदेश स्तर पर भी पसंद किया जा रहा है। लोगों के ऑर्डर आने पर मूर्तियां उनको भेजती हूं।
उन्होंने बताया कि शुरू-शुरू में इस काम को करने के लिए समाज में लोगों ने कहा कि यह काम आगे नहीं ले जा पाऊंगी लेकिन आत्मविश्वास और समूह की सखियों के सहयोग से आज बेहतर काम कर पाई। इसलिए अपने अनुभव के अनुसार सभी महिलाओं को संदेश देना चाहूंगी आप पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने काम को करते रहें जिससे धीरे-धीरे महिलाएं आत्मनिर्भर तो बनेंगी और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए कहीं न कहीं रास्ता दिखाएंगी।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन उपायुक्त बृजमोहन अंबेड ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले विकास भवन एनआरएलएम के तहत बसंत मेले का आयोजन हुआ था उसमें जनपद की विधायक सरिता भदौरिया और अन्य गणमान्य लोगों ने अंजलि द्वारा बनाई गई मूर्तियों की सराहना की और बाद में मुख्य विकास अधिकारी प्रेणता ऐश्वर्या ने भी ऑर्डर देकर कुछ मूर्तियां मंगवाई। उन्होंने बताया कि अंजलि की बनाई गई मूर्तियों की जनपद में ही नहीं प्रदेश स्तर पर भी मांग है, जिन्हें 500 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये के मूल्य तक खरीदा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जय दुर्गे मां समूह में 10 -15 महिलाएं कार्यरत हैं और उम्मीद करते हैं कि मूर्ति बनाने का काम धीरे-धीरे गति पकड़ेगा और समूह की प्रत्येक महिला की आजीविका का साधन बेहतर होगा।