Saturday, September 28, 2024
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इटावा के डॉ अशीष त्रिपाठी सर्प रेस्क्यू और सर्पदंश उपचार पर लखनऊ विश्विद्यालय लखनऊ में विशेष व्याख्यान देंगे

इटावा। इस समय बरसात का मौसम चल रहा है जिसकी वजह से जनपद इटावा से लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में सर्प निकालने के साथ साथ सर्पदंश की घटनाएं  बड़ी होना भी सामान्य बात है जो कि मीडिया के माध्यम से प्रतिदिन ही सामने भी आ रही है। आपको बता दें, कि नेशनल मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सर्पदंश से पूरी दुनियां की 80 प्रतिशत मौत भारत में ही होती है।भारत में लगभग 64 हजार लोग सर्प दंश से प्रत्येक भारत में मरते है और उससे भी बड़ी बात यह है कि, लगभग 16 हजार 100 लोगों की मृत्यु सर्प के काटने से प्रत्येक वर्ष उत्तर प्रदेश में ही होती है।और अब सम्पूर्ण भारत में हमारा उत्तर प्रदेश ही सर्पदंश के मामलों में इस समय अन्य राज्यों के मुकाबले शीर्ष स्थान पर भी पर भी है इसीलिए राज्य सरकार ने भी सर्पदंश को 2021 में राज्य आपदा भी घोषित कर दिया है।जिसके तहत सर्पदंश से मरने वाले व्यक्ति के परिवार को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित निश्चित प्रपत्रों के आधार पर आर्थिक मदद के रूप में 4 लाख रूपये की सहायता भी दी जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय सर्प दिवस 16 जुलाई को होगा 

अंतराष्ट्रीय सर्प दिवस 16 जुलाई की पूर्व संध्या पर जनपद के वन्यजीव विशेषज्ञ,मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी लखनऊ विश्विद्यालय लखनऊ के इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्ड लाइफ साइंसेज में विभिन्न प्रकार के सर्पों के सुरक्षित रेस्क्यू करने की सुरक्षित विधियों सहित सर्पदंश उपचार मेडिकल इमरजेंसी के समय बरती जाने वाली विशेष सावधानियों ( स्नेक बाइट मैनेजमेंट) विषय पर अपना विशेष आमंत्रित व्याख्यान जूम एप द्वारा ऑनलाइन माध्यम से देंगे। विदित हो कि, डॉ आशीष जनपद इटावा में पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के लिए कार्यरत संस्था (ओशन) ऑर्गनाइजेशन फॉर कंजरवेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर के महासचिव भी है जिसके द्वारा जनपद इटावा सहित अन्य जनपदों के विभिन्न विद्यालयों,महाविद्यालयों, विश्विद्यालयों में जाकर सर्पदंश जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है अब उस जागरूकता अभियान का एक बहुत बड़ा असर यह हुआ है कि लोगों ने सर्पों या अन्य वन्यजीवों को बिल्कुल मारना ही छोड़ दिया है और अब शहरी एवं ग्रामीण जनता सर्पदंश के बाद अंधविश्वास से विमुख होकर उपचार के लिए झाड़ फूंक न कराकर सीधे अस्पताल आकर उपचार भी कराने लगी है। जिससे सर्पदंश से मृत्यु के मामलों में कमी भी आ रही है। विदित हो कि, डॉ आशीष इसके पूर्व भी 2019 में वन्यजीव सप्ताह में आयोजित कार्यक्रम में लखनऊ विश्विद्यालय में सर्प पहचान,रेस्क्यू एवम उपचार विषय पर एक सैकड़ा से भी अधिक छात्र छात्राओं एवम शोध छात्रों के समक्ष सर्प रेस्क्यू एवम प्राथमिक उपचार विषय पर अपना विशेष आमंत्रित व्याख्यान दे चुके है। इस विशेष सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम को पर्यावरण,वन एवम जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली द्वारा प्रायोजित किया गया है। विदित हो कि कार्यक्रम आयोजक लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ का इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्ड लाइफ साइंसेज विभाग है जो कि देहरादून के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) से संबद्ध है लखनऊ विश्विद्यालय का इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्ड लाइफ साइंसेज समय समय पर विषय विशेषज्ञों से विशेष समसामयिक विषयों पर संवाद स्थापित करता रहता है। उक्त कार्यक्रम की कोर्डिनेटर प्रो0 डॉ अमिता कनौजिया है जो कि, लखनऊ विश्विद्यालय लखनऊ की जन्तु विज्ञान विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर और कोर्डिनेटर (ईआइएसीपीपीसी आरपी) IWLSc भी है।

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