इटावा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ गीता राम ने बताया कि गर्मीयों में डायरिया का प्रकोप बढ़ता है। इसलिए शरीर को लगातार हाइड्रेट करते रहें इससे पूर्व शरीर में पानी की कमी न होने दें। उन्होंने बताया कि दस्त के उपचार में ओआरएस का घोल और जिंक की गोली रामबाण है। इसीलिए इस पखवाड़ा के तहत ओआरएस के पैकेट जिंक गोलियां के उपयोग के प्रति लोगों को वितरित कर जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जिंक की गोलियां और ओआरएस के पैकेट वितरित किए जाएंगे। साथ ही सभी आशा अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर जिन घरों में 5 साल से कम उम्र के बच्चे हैं उन्हें जिंक और ओआरएस के घोल के पैकेट वितरित करेंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) संदीप दीक्षित ने बताया कि इस पखवाड़ा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जनपद में ओआरएस पैकेट्स और जिंक की गोलियां पर्याप्त मात्रा में है। उन्होंने बताया कि पखवाड़ा के तहत समुदाय केंद्रों में लोगों को बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस घोल और जिंक की गोली के उपयोग के प्रति महत्वपूर्ण जानकारियां आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर देंगी और ओआरएस को बनाने की विधि का प्रदर्शन कर दिखाएंगी।
डीपीएम ने बताया कि पखवाड़े के तहत सभी 5 साल से कम उम्र के बच्चे जिन्हें दस्त की समस्या हुई है ऐसे बच्चों को दस्त बंद होने पर भी 14 दिन तक जिंक की गोलियों का सेवन करवाना चाहिए और 2 महीने से 6 महीने तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली मां के दूध में घोलकर और 7 माह से 5 साल तक की आयु के बच्चों को एक गोली का सेवन करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि बच्चे को 14 दिन तक जिंक गोलियों का सेवन कराया जाता है तो अगले 2 से 3 माह तक दस्त होने की संभावना कम हो जाती है।
दस्त होने के निम्न लक्षण हैं-
पानी जैसा लगातार मल का होना दस्त का बड़ा कारण है।
गर्मी के कारण बार-बार उल्टी का होना।
सबसे ज्यादा और बार-बार प्यास का लगना। पानी न पी पाना भी दस्त का कारण है। बुखार के समय दस्त लगना। मल में खून का आना।
अगर बच्चों में है ये लक्षण देखे जाएं तो तुरंत ओआरएस और जिंक की गोली सेवन करवाना शुरु करना चाहिए और स्तनपान और ऊपरी आहार देते रहें। यदि ओआरएस व ज़िंक की गोलियां के सेवन पर भी दस्त सही न हो तो बच्चे को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर दिखाएं किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।