महेश चंद्र तिवारी जनपद के एक छोटे से गाँव रामनगर उसराहर ताखा इटावा में जन्मे। उनके पिता का नाम स्व. श्री नाथूराम तिवारी है और माँ का नाम किशोरी देवी है। उन्होंने पंडित बाबूराम आदर्श इंटर कॉलेज बम्हनीपुर से जूनियर हाईस्कूल तक की पढ़ाई की। साथ ही, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से साहित्याचार्य की डिग्री हासिल की। उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. हिंदी और बीएड भी की उपाधियाँ भी प्राप्त कीं। वे संस्कृत महाविद्यालय से प्राचार्य पद से सेवा निवृत्त हो गए हैं। वर्तमान में वे भारत विकास परिषद के धर्मार्थ सेवा शाखा में सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
शिक्षा पूर्ण करने के बाद, महेश चन्द्र तिवारी ने उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में स्थित संस्कृत महाविधालय में शिक्षक के रूप में नियुक्ति प्राप्त की। वहां पर उन्होंने संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कठिन परिस्थितियों का सामना किया और संस्थान के स्तर को उच्चतर स्तर तक ले जाने का संकल्प लिया। महेश चन्द्र तिवारी के नेतृत्व में संस्कृत महाविधालय एक प्रसिद्ध संस्थान बन गया और छात्रों के शिक्षाकर्म में सुधार आया। उनके नेतृत्व में संस्कृत शिक्षा इटावा जिले में अग्रणी स्थान पर पहुंची। उन्होंने छात्रों को संस्कृत के महत्व के बारे में जागरूक किया और उनकी भाषा और साहित्यिक योग्यता में सुधार किया।
महेश चंद्र तिवारी इंडियन कांग्रेस के आजीवन सदस्य हैं। वे संस्कार भारती के सदस्य भी हैं। साथ ही वह श्री शंकर दयाल दीक्षित स्मारक संस्थान इटावा के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत है। उन्होंने अन्य साहित्यिक और सामाजिक संस्थाओं में भी सदस्यता ग्रहण की है। वर्तमान में वे संस्कृत समिति के अध्यक्ष के पद पर हैं।
महेश चंद्र तिवारी को संस्कृत शिक्षा में जनपद इटावा में अग्रणी स्थान प्राप्त है। इसके अलावा, महेश चंद्र तिवारी ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा किया है और समाज के लिए योगदान दिया है। उनका योगदान साहित्यिक, सामाजिक, धार्मिक और शैक्षिक क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त है। वे एक प्रशंसनीय व्यक्तित्व हैं और अपने समर्पण और सेवा भाव से लोगों के दिलों में आदर और सम्मान पाते हैं उनका यह संघर्ष दयालुता और मानवीय महत्व को समझने के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध हुआ है। वे अपने परिवार, समाज, और सम्पूर्ण मानवता के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
महेश चन्द्र तिवारी को इटावा लाइव टीम की ओर से गहरी शुभकामनाएं, उनके संघर्ष, समर्पण और सफलता के लिए हम उन्हें बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देते है