Saturday, September 14, 2024
Homeराजनीतिज्ञराजनीति में कैसे पहुंचे मुलायम सिंह यादव,जाने पूरा किस्सा

राजनीति में कैसे पहुंचे मुलायम सिंह यादव,जाने पूरा किस्सा

नत्थू सिंह चौधरी ने प्रभावित होकर अपनी जसवंतनगर सीट को 1967 में दिया था मुलायम सिंह यादव को विधायक की चुनाव लड़ने के लिए

मुलायम सिंह यादव ने दंगल में कुश्ती खेलने के दौरान अपने से 2 गुना दिखने वाले पहलवान को किया था चित

कुश्ती को देख प्रभावित हो गए थे चौधरी नत्थू सिंह

कमांडर अर्जुन सिंह भदोरिया वह नहीं चाहती थी कि मुलायम सिंह चुनाव लड़े नत्थू सिंह चौधरी को ही लड़वाना चाहते थे चुनाव

1980 में चुनाव हारने के बाद मुलायम सिंह यादव पर हुआ था मैनपुरी के थाना कुर्रा में हमला जिसमें 1 साथी अध्यापक की हुई थी मौत ।

उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा के छोटे गांव सैफई जो अब एक तहसील बन चुकी है । समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का निधन 10 अक्टूबर को 2022 हो गया है  उनसे जुड़ी उनकी कई ऐसी कहानियां अब लोगों के बीच से आ रही है जिन्हें सुनकर लोग मुलायम सिंह की नीति और उनके द्वारा लिए गए निर्णय की तारीफ कर रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव राजनीति में कैसे पहुंचे और कैसे वह राजनीति की बुलंदियों को छूते चले गए । इन सारी बातों को उन्हीं के करीबी पूर्व एमएलसी सुभाष यादव करहल जनपद मैनपुरी ने बताते हुए कहा है कि उनके पिता स्वर्गीय नत्थू सिंह चौधरी जो जसवंत नगर से विधायक हुआ करते थे वह कुश्ती दंगल में बहुत ही रुचि रखा करते थे उसी दौरान वह करहल के पास ही एक दंगल के आयोजन में पहुंचे जहां एक नाटे कद के पहलवान ने अपने दो गुने बड़े और विशाल शरीर वाले पहलवान को कुछ ही क्षणों में चित कर दिया। जिसके बाद मेरे पिताजी ने मुलायम सिंह यादव को अपने पास बैठाया और उनसे उनके बारे में पूछा जब मेरे पिताजी ने मुलायम सिंह यादव की पूरी जांच पड़ताल की तो न मालूम पड़ा कि मुलायम सिंह कुश्ती में पहलवानी के साथ-साथ एक कुशल राजनीतिक भी हैं इटावा में छात्र संघ के कई बार अध्यक्ष भी रह चुके जिस पर उन्होंने बिना सोच विचार किए 1967 में जसवंतनगर सीट से राज्यसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी जिसका विरोध कई लोगों ने किया लेकिन मेरे पिताजी ने उनको समझाया और यह उन्हें विश्वास दिलाया कि यह सीट वह जीतकर निकालेंगे और मेरे पिताजी और क्षेत्र के लोगों ने मिलकर मुलायम सिंह यादव को 1967 में पहली बार विधायक बनाया। जिसके बाद राजनीति में उनका दबदबा बढ़ता ही चला गया।

1967 के चुनाव में मुलायम ने पहली बार चलाई थी मोटरसाइकिल, फिर किया था प्रचार

सुभाष यादव ने बताया कि 1967 के चुनाव में मुलायम सिंह यादव साइकिल से वोट मांगा करते थे उसी दौरान मेरे पास मोटरसाइकिल हुआ करती थी जिस पर मैंने ही मुलायम सिंह यादव जी को मोटरसाइकिल चलाना सिखाया और उनके साथ क्षेत्र में मोटरसाइकिल से हम लोगों ने फिर वोट मांगे एक बार वोट मांगने के लिए हम लोग मोटरसाइकिल से जा रहे थे तभी पगडंडी पर मोटरसाइकिल से चल गई और साले नर्सरी के नीचे मुलायम सिंह यादव का पैर आ गया जिस कारण वह जल गया जब भी मेरी और मुलायम सिंह जी की मुलाकात होती तो वह उस घटना का जिक्र जरूर करते थे।

1980 में चुनाव हारने के बाद मुलायम सिंह यादव पर मैनपुरी के थाना कुर्रा में हमला हुआ था जिसमें 1 साथी अध्यापक की हुई थी मौत

सुभाष यादव ने बताया कि मुलायम सिंह यादव 1980 का एक चुनाव हार गए थे जिसके बाद वह अपने एक अध्यापक साथी के साथ मैनपुरी के थाना कुर्रा क्षेत्र में एक समारोह में गए हुए थे तभी उनके ऊपर हमला हो गया था उस दौरान उनके एक अध्यापक साथी की मौत हो गई थी तो वही मेरे एक रिश्तेदार के पैर में भी गोली लगी थी जिस कारण वह जिंदगी भर लगड़ाते रहे इस घटना के बाद मुलायम सिंह यादव राजनीति और पकड़ बना कर चले गए और देखते ही देखते उनकी सुरक्षा और उनका राजनीति का अखाड़ा और बड़ा हो गया।

 मुलायम सिंह यादव ने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए थे आज भी राजनीतिक दिक्कत उनके द्वारा उन कार्यों को बहुत ही अहम मानते हैं।उनकी बनाई समाजवादी पार्टी उन्ही मुख्य कार्यों को लेकर देश प्रदेश में बढ़ती रही ।इन्ही मुद्दो के दम पर सरकार बनाती रही।

इटावा का पोल

spot_img
spot_img
All Time Popular Article

Advertisements

spot_img

आज की खबरें