व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता अनंत अग्रवाल ने जनपद में किसानों को यूरिया खाद की हो रही किल्लत को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पा रही, जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो सकती हैं।
अनंत अग्रवाल ने बताया कि “जिला प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि एक किसान को पांच बीघा जमीन पर केवल एक बोरी यूरिया खाद दी जाए, जबकि वास्तव में इतनी भूमि के लिए तीन से चार बोरी यूरिया खाद की आवश्यकता होती है।”
उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान अन्नदाता हैं। यदि उन्हें समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिलेगी, तो फसल की उपज पर सीधा असर पड़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि “एक तरफ केंद्र सरकार किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत आर्थिक सहायता देती है, वहीं दूसरी ओर किसान को उचित दर पर खाद और बीज उपलब्ध नहीं हो रहा। मजबूर होकर किसान खुले बाजार से अधिक कीमत पर खाद खरीदने को विवश हैं।”
अनंत अग्रवाल ने बताया कि एक बोरी खाद के लिए किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है, जो अत्यंत कष्टदायक है।
उन्होंने जनपद के एकमात्र जनप्रतिनिधि सदर विधायक से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे पर अधिकारियों की बैठक बुलाकर खाद वितरण की समीक्षा करें और कम से कम दो बीघा खेती पर एक बोरी यूरिया खाद आबंटित करने का निर्देश जारी करें।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी किसान को अपनी फसल के लिए खाद के लिए भटकना न पड़े।