इटावा : विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आज सांसद जितेंद्र दोहरे के कार्यालय पर जाकर उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम (UPPCL) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा प्रदेश के 42 जनपदों में बिजली वितरण के निजीकरण के निर्णय को तत्काल निरस्त करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर सांसद जितेंद्र दोहरे ने विद्युतकर्मियों को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को संसद में पुरजोर तरीके से उठाएंगे और सरकार से जनहित में इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा, बिजली का निजीकरण आम जनता के हितों के खिलाफ है और इससे लोगों को महंगी बिजली का सामना करना पड़ेगा। हम सरकार से इस नीति पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं। विद्युत कर्मचारी संघों का कहना है कि निजीकरण से न केवल बिजली दरें बढ़ेंगी, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के हितों को भी नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को तैयार हैं।इस मुद्दे पर अब लोकसभा में बहस होने की उम्मीद है, जहां सांसद दोहरे इसे जोर-शोर से उठाने का वादा कर चुके हैं।

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