केकेपीजी कॉलेज में हाल ही में “इनवायरल स्ट्रेस: पर्यावरणीय तनाव” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश भर के प्रतिष्ठित शोध संस्थानों, विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से आए वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों, शोधार्थियों और छात्रों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों पर विचार-मंथन करना और उनके समाधान के लिए नई रणनीतियों का विकास करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर महेंद्र सिंह ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए की। उन्होंने मेहमानों को कॉलेज परिसर का भ्रमण कराया और अंग्रेजों के जमाने से बने पक्के तालाब व विक्टोरिया हॉल के ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया। ये स्थान कॉलेज की समृद्ध विरासत और शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रतीक माने जाते हैं।
संगोष्ठी के मुख्य सत्र में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, संसाधन प्रबंधन और इनवायरल स्ट्रेस जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। विभिन्न शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों ने अपने अनुभव और शोध प्रस्तुत किए। उन्होंने पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए नवीन तकनीकों और रणनीतियों पर प्रकाश डाला। साथ ही, शोधार्थियों और छात्रों ने भी अपने विचार और शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिससे युवा पीढ़ी की पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सक्रियता का पता चला।
इस संगोष्ठी ने वैज्ञानिक समुदाय के बीच सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, भविष्य में पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए नीतिगत सुधार और प्रभावी रणनीतियों के निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। आयोजन से यह बात स्पष्ट हुई कि पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए वैज्ञानिक शोध, शिक्षा और जन जागरूकता का समन्वय बेहद जरूरी है। केकेपीजी कॉलेज ने इस संगोष्ठी के जरिए एक बार फिर अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता और सामाजिक जिम्मेदारी को रेखांकित किया। यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक सकारात्मक पहल साबित हुआ।