इटावा। दुर्गा अष्टमी, नवमी और दशहरा के शुभ अवसर पर पान कुंवर इंटरनेशनल स्कूल इटावा ने एक विशेष सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य छात्रों में परंपरा, भक्ति और सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को उजागर करना था। कार्यक्रम की शुरुआत देवी दुर्गा की आराधना और प्रार्थना से हुई। विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने पारंपरिक नृत्य, गीत और लघु नाटकों का प्रदर्शन किया, जिसमें देवी दुर्गा के जीवन और गुणों के साथ-साथ दशहरे का महत्व भी दर्शाया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रामायण का नाटकीय प्रस्तुतीकरण था, जिसमें भगवान राम की रावण पर विजय के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया गया।
स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ कैलाश चंद्र यादव ने सभा को संबोधित करते हुए इन पर्वों के गहरे अर्थ को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “दशहरा सिर्फ भगवान राम की विजय का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हम सभी को हमारे आंतरिक दोषों को दूर कर सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।”
सांस्कृतिक प्रदर्शनों के अलावा, स्कूल ने मैदान में रावण दहन का भी आयोजन किया, जो बुराई के अंत का प्रतीक था। छात्रों ने पर्यावरण के अनुकूल रावण के पुतले बनाए, जिन्हें दर्शकों की तालियों के बीच जलाया गया। यह गतिविधि स्कूल की पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देने वाली पहल का भी हिस्सा थी।