डा0 यू0 एस0 शर्मा का जन्म 10 जनवरी 1980 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गांगरौल नामक गांव में हुआ। इनका पूरा नाम उमा शंकर शर्मा है। उनके पिता का नाम डा0 एम0 सी0 शर्मा और माता का नाम शीला शर्मा है। प्रियंका शर्मा उनकी पत्नी का नाम है, उनके एक बेटा है जिसका नाम अर्जुन शर्मा है।
डा0 यू0 एस0 शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांगरौल में ही पूरी की। उन्होंने अपनी बी0 फार्मा की डिग्री को आगरा के डा0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने एम0फार्मा को डिग्री को बैंगलोर के राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से प्राप्त किया। उन्होंने अपने शैक्षिक सफर को जारी रखते हुए जोधपुर नेशनल विश्वविद्यालय से पी0एच0डी0 डिग्री और ग्लोबल ओपन विश्वविद्यालय, नागालैंड से एम0बी0ए0 डिग्री प्राप्त की।
सर मदन लाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के निदेशक
डा0 यू0 एस0 शर्मा ने जनपद इटावा के प्रसिद्ध सर मदन लाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में विगत 15 वर्षों से निदेशक के पद पर कार्यरत होते हुए शिक्षा क्षेत्र में अपना विशिष्ट नाम कमाया है। उन्होंने अपनी कार्यशैली के माध्यम से छात्रों के बीच एक शौम्य और प्रेरणादायक वातावरण बनाया है और छात्रों के द्वारा प्यार और सम्मान प्राप्त किया है। वे एक कुशल प्रशासक हैं और अपने कार्य के प्रति समर्पित हैं।
डा0 यू0 एस0 शर्मा एक कुशल प्रशासक भी हैं और उनकी विद्यार्थियों के प्रति शौम्यता उन्हें प्रशंसा का पात्र बनाती है। उन्होंने सदैव शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम मानकों की स्थापना करने का प्रयास किया है और छात्रों के संपूर्ण विकास को ध्यान में रखा है। यही कारण है कि डा0 यू0 एस0 शर्मा आज इटावा के एक प्रमुख शिक्षाविद् हैं, जिनके योगदान ने उन्हें अपने क्षेत्र में मान्यता और सम्मान दिलाए हैं।
डा0 यू0 एस0 शर्मा ने कई महत्वपूर्ण संस्थाओं में अपनी सेवाएं दी हैं और विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने श्रीबजरंग कॉलेज ऑफ फार्मेसी, भरतपुर, राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में कार्य किया है। उसके बाद उन्होंने कमला नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्य किया है।
डा0 यू0 एस0 शर्मा ने उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन, विश्वविद्यालय, बोर्ड परीक्षा और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रेक्षक और केंद्र अधीक्षक की भूमिका में सफलतापूर्वक संपादन किया है। उन्होंने पी0सी0एस0, सी0टैट, जे0ई0ई, यू0पी0, सी0पी0 नेट, यू0पी0एस0ई0ई0, लेखपाल आदि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर्स को संपादित किया है।
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में एक सक्रिय सदस्य
वे फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में एक सक्रिय सदस्य हैं और वहां विभिन्न नियामक कार्यों में योगदान देते हैं। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जनरल में मुख्य संपादक के रूप में कार्य किया है। डा0 यू0 एस0 शर्मा भारत सरकार की संस्था “कमेटी फॉर द परपज ऑफ कंट्रोल एण्ड सुपर विजन ऑन एक्सपेरीमेंटल एनीमल्स” (सी.पी.सी.एस.ई.ए.) के एक सक्रिय सदस्य हैं। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य जानवरों पर परीक्षण करना और उनके बेहतर रखरखाव की देखभाल करना है।
डॉ शर्मा ने अपने समय और अनुभव का उपयोग करके जिला चिकित्सालय और सैफई विश्वविद्यालय के रक्त कोषों में रक्तदान करके जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध कराया है। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न रक्तदान शिविरों का आयोजन किया है, जिससे समाज के लोगों को रक्तदान के महत्व की जागरूकता मिली है। ऐसे कार्यों से उन्होंने समाज की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया है।
डॉ शर्मा ने विभिन्न व्याख्यानों और सम्मेलनों का आयोजन करके समाज में प्रचलित वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ जनमानस को जागरूक किया है। वे लोगों को अवगत कराते हैं कि कैसे विभिन्न वित्तीय योजनाओं में धोखाधड़ी से बचा जा सकता है और उन्हें वित्तीय जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।
डॉ शर्मा विभिन्न व्याख्यानों और सम्मेलनों के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक जानवरों के अनावश्यक प्रयोग, पीढ़ा और बेहतर रखरखाव के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उनके माध्यम से, विद्यार्थी समाज के इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में अवगत हो रहे हैं और उसके रोकथाम के लिए सक्रिय योगदान कर रहे हैं।
कि डा0 शर्मा ने युवाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और मादक पदार्थों से दूर रहने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रयास भी किए हैं। उन्होंने लोगों को उचित खान-पान और वायुमंडल की सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया है।
विभिन्न संगठनों और सोसायटीज के स्थाई सदस्य
इन सभी कार्यों के अलावा, डा0 शर्मा को विभिन्न संगठनों और सोसायटीज के स्थाई सदस्य भी है। वे एसोसिएशन ऑफ फार्मास्यूटिकल टीचर्स ऑफ इंडिया, इंडियन फार्माकोलोजिकल सोसायटी, इंडियन काउंसिल ऑफ कैमिस्ट (एफ.आई.सी.सी.), रुरल हेल्थ संडिकल (एफ.आर.एच.एस.) और स्कॉलर्स, अकादमिक एण्ड साइंटिफिक सोसायटी (एफ.एस.ए.एस.एस.) के सदस्य है। इन संगठनों के माध्यम से डा0 शर्मा ने अपनी विशेषज्ञता को साझा करके और समाज को अपने व्यापक ज्ञान और अनुभव से लाभान्वित किया है।
डा0 यू0 एस0 शर्मा संघर्ष, समर्पण और बेहतरीन प्रशासनिक क्षमता के प्रतीक है। उन्होंने अपने विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय कार्य किए हैं और समाज को अपनी सेवा प्रदान की है। उनका प्रेरणादायक जीवन और उनकी सफलता युवाओ को प्रेरित करती है। डॉ यूएस शर्मा के योगदान से सामाजिक, स्वास्थ्य, शिक्षा में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल हुआ है।
इसके अलावा डॉ यूएस शर्मा को अपने 19 वर्षों के शिक्षा करियर में अहम योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2018 में इंदौर के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें 2019 में गोवाहाटी के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और 2020 में सहारनपुर के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
उन्हें विभिन्न साइंटिफिक संस्थानों की स्थायी सदस्यता और पदों से भी नवाजा गया है, जैसे एसोसिएशन ऑफ फार्मास्युटिकल टीचर्स ऑफ इंडिया (एपीटीआई), इंडियन फार्माकोलोजिकल सोसायटी (आईएफएस), इंडियन काउंसिल ऑफ केमिस्ट्री (आईसीसी), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), स्कालर्स, अकादमिक एण्ड साइंटिफिक सोसायटी (एफ.एस.ए.एस.एस.) आदि।