इटावा। 10 अगस्त 1963 को जन्मी फूलन देवी का पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा उन्होंने अपने बचपन से लेकर जीवन के अंत तक किया था संघर्ष। उनकी शादी भी परिजनों द्वारा नाबालिक अवस्था में अपने से दोगुनी उम्र के युवक के साथ की गई थी।
पूर्व सांसद फूलन देवी की जयंती आज इटावा में निषाद पार्टी के जिला कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के द्वारा मनाई गई जहां उनको याद किया गया।
आज देश भर में अगर किसी महिला के साथ उत्पीड़न और बलात्कार की घटना होती है उसके बाद बलात्कारियों को जो सजा देने की बात सामने आती है तो फूलन देवी को जरूर याद किया जाता है। उन्होंने जिस प्रकार से अपना बदला लिया था। उसकी सराहना की जाती है जिस प्रकार से फूलन देवी ने अपने ऊपर किए गए दुराचार अत्याचार्यों में संलिप्त 22 ठाकुरों को एक साथ गोलियों से छलनी कर देने की बात आती तो उनकी सराहना जरूर होती है। सरकार और कानून व्यवस्था से आहत और हालातो से इंसाफ न मिलने के बाद फूलन देवी ने जंगल का रास्ता तय किया था। जहां भी सिर्फ प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी इसके बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था और सांसद पद के चुनाव में जीत कर सांसद बनी थी।
आज इटावा में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रमाकांत कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौजूद लोगों को यह जानकारी अवगत कराई तथा उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा वह डाकू नहीं देवी थी बताया आज भी उनके परिवार में उनको या उनके परिजनों को संपत्ति का मलकाना हक नहीं दिया गया है वह एक सांसद थी और उसके बावजूद भी उनके परिजनों को उनका मलखान हक नहीं मिला है।
इस कार्यक्रम में निषाद पार्टी जिला अध्यक्ष मीरा निषाद, पिंकी निषाद, जया सहानी,कृष्णा कश्यप, सूरज कश्यप, सहित अन्य कई पदाधिकारी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
फूलन देवी का पूरा जीवन संघर्षमय बीता निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओ ने मनाई जयंती
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