सरिता भदौरिया का जन्म 4 जनवरी 1963 को इटावा के पडोसी जनपद मैनपुरी के किशनी में में हुआ। सरिता भदौरिया का विवाह जनपद इटावा के उदी गाँव में स्व श्री अभय वीर सिंह भदौरिया से हुआ
सरिता भदौरिया इटावा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से 18वीं विधानसभा की सदस्य हैं, जो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की गृह जनपद है । उन्होंने 2017 में विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को 17,234 मतों से हराकर विजय हासिल की और 2022 में विधान सभा चुनाव में 4,277 मतों से जीत हासिल की है।
उन्होंने 1999 में राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस की टिकट पर इटावा निर्वाचन क्षेत्र से संसदीय चुनाव में प्रतिस्पर्धी होकर असफल रहीं। इसके बाद 2000 सरिता भदौरिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई और फिर से 2004 के लोकसभा चुनावों में इटावा सीट से प्रतिस्पर्धी रहीं, लेकिन हार गईं। सरिता भदौरिया ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जनता के बीच काम करना शुरू किया और जल्द ही जनता के बीच में लोकप्रियता प्राप्त की। उन्हें 2007 में भाजपा के उत्तर प्रदेश इकाई के सचिव बनाया गया। वर्ष 2010 में, जब स्मृति ईरानी अध्यक्ष थी, उन्हें भाजपा महिला मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। 2013 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश इकाई का उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्तमान में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के यूपी प्रदेशाध्यक्ष के पद पर हैं। 2017 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में इटावा से चुना गया, इस चुनाव में उन्हें 91,234 वोट प्राप्त हुए।
सरिता भदौरिया ने महिला बालविकास संयुक्त समिति (यूपी) के अध्यक्ष पद पर 3 दिसंबर 2019 को पदग्रहण किया सरिता भदौरिया ने कानपुर विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की है। उनका पेशेवरी क्षेत्र सामाजिक कार्यकर्ता, कृषि विद्यार्थी और राजनीतिज्ञ है।
सरिता भदौरिया एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं उन्होंने अपनी राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पद धारित किए हैं और उत्तर प्रदेश भाजपा में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रही हैं।