Saturday, September 28, 2024
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स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ीकरण हेतु निजी सेवा प्रदाताओं का हुआ क्षमता वर्धन

इटावा। शहरी परिवार कल्याण कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के तहत निजी सेवा प्रदाताओं के एक दिवसीय क्षमता वर्धन बैठक का आयोजन किया गया।यह बैठक स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में सहयोगी संस्था पापुलेशन सर्विस इंटरनेशनल (पीएसआई) इंडिया के सहयोग से मंगलवार को सीएमओ कार्यालय के आयुष्मान सभागार में आयोजित की गयी।

बैठक की अध्यक्षता करते हुये अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ०शिवचरन ने कहा कि परिवार नियोजन सहित सभी स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने में निजी चिकित्सालय का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन, मातृत्व स्वास्थ्य, टीकाकरण और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम सहित सभी स्वास्थ्य सेवाओं का आकलन और उनकी गुणवत्ता में सुधार हेतु निजी और सरकारी अस्पतालों का आपसी समन्वय बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सा इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए परिवार नियोजन एवं चिकित्सा सेवाओं में सहभागिता और नियमित समय से रिपोर्टिंग की जाए तो स्वास्थ्य सेवाओं का सही आकलन और गुणवत्ता में सुधार होगा और आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। डॉ०शिवचरण ने कहा कि जनसंख्या नियोजित करने में निजी क्षेत्र की भूमिका अहम है क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं निजी अस्पतालों और चिकित्सकों के पास जाती है ऐसे में निजी क्षेत्र सेवा प्रदाताओं का क्षमता वर्धन करना बहुत जरूरी है।डॉ०शिवचरण ने कहा बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने व उनकी गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकारी व निजी चिकित्सालयों का समन्वय जरूरी है।

शहरी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डॉ० श्रीनिवास ने कहा कि निजी अस्पताल एचएमआईएस पोर्टल पर स्वास्थ्य संकेतक संबंधी आंकड़ों को समय से अपलोड करें जिससे कि लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले पाएं।
पीएसआई इंडिया की प्रतिनिधि शीला रावत ने संस्था द्वारा चलाई जा रही कार्यक्रमों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी और बताया कि संस्था चैलेंज इनीशिएटिव फॉर हेल्थी सिटी परियोजना के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में परिवार नियोजन की सेवाओं को अंतिम लाभार्थी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद प्रसूता को अस्पताल में परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के बारे में जरूरी जानकारी के साथ ही इस बात की भी जानकारी दें कि 2 बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतर जरूर रखें अनचाहे गर्भ अवस्था की स्थिति में शिक्षित चिकित्सक से ही सलाह लें।

बैठक में मातृत्व स्वास्थ्य, टीकाकरण,टीबी रोगियों कि किस तरह काउंसलिंग की जाए इस पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई और सुझाव दिया गया कि निजी अस्पतालों में भी एक परिवार नियोजन कार्नर बनाया जाए जिससे परिवार नियोजन के सभी सभी साधन उपलब्ध हो और काउंसलर की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

बैठक में आईएमए प्रेसिडेंट डॉ०एससी गुप्ता,सेक्रेट्री डॉ०डीके सिंह,जिला परिवार नियोजन लॉजिस्टिक प्रबंधक अमित विश्वकर्मा जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता सीपीसी पीएसआई संस्था से अनुज अहाना संस्था से विकास व जिले के 20 निजी चिकित्सालय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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