इटावा। मानव जीवन का अस्तित्व पर्यावरण की सुरक्षा पर निर्भर है। जैसे हम अपने शरीर की रक्षा करते हैं, वैसे ही हमें अपने पर्यावरण की भी संरक्षा करनी होगी।
ये बात भारत विकास परिषद धर्मार्थ सेवा शाखा के तत्वावधान में शिवा कॉलोनी स्थित राजीव कुमार पाठक के आवास पर पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में एक दिन पूर्व रविवार को आयोजित हुई पर्यावरण गोष्ठी में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्तंभकार गणेश ज्ञानार्थी ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का सबसे बड़ा धर्म शरीर की रक्षा करना है और हमारा ये शरीर पांच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि आकाश और वायु से बना है। अगर ये पांचों शुद्ध और संरक्षित रहे तो ही हमारा शरीर भी स्वस्थ और सुरक्षित रहेगा। इसलिए सब कुछ सरकार के भरोसे न छोड़कर हमें अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी और कठोर उपायों को अपनाते हुए पर्यावरण संरक्षण में व्यवहारिक योगदान करना होगा।
नगर के पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी डा. जेके तिवारी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि न तो सरकार और न ही जनमानस पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर है। पालीथिन पर प्रतिबंध भी लगता है और पालीथिन बनती भी है। जैसे शराब बिकती भी है और मद्य निषेध कार्यक्रम भी चलते हैं। उन्होंने सभी से औषधीय पौधे लगाने का आह्वान किया।
गोष्ठी में कवि शिवगोपाल अवस्थी, रोहित चौधरी, सुनील अवस्थी, प्रखर गौड़, प्रतीक्षा चौधरी ने काव्यपाठ किया। विनोद त्रिपाठी, राजेंद्र कुमार दीक्षित, उत्कल पचौरी, उमेश सिंह चौहान, हरिदत्त दीक्षित, सुधीर मिश्र ने भी विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शाखा के अध्यक्ष केके त्रिपाठी ने तथा संचालन आचार्य महेश चंद्र तिवारी ने किया। राजेंद्र कुमार दीक्षित ने मुख्य अतिथि समेत सभी कवियों का सम्मान किया। गोष्ठी को सफल बनाने में शाखा के कोषाध्यक्ष महेश कुमार बाथम, महेश चंद्र तिवारी अलकापुरी, रमाकांत पाठक, आर एस गौर, घनश्याम तिवारी, चंद्रभान मिश्रा, हरि प्रकाश शुक्ला, राजेश मिश्रा, दीपेश तिवारी, अवधेश पचौरी, बी एन मिश्रा, राजकुमार का विशेष सहयोग रहा।
अंत में गोष्ठी के संयोजक राजीव कुमार पाठक ने सभी का आभार व्यक्त किया।