विशुन कुमार चौधरी का जन्म 26 जनवरी 1962 को पुराना शहर इटावा में मोहल्ला शाहग्रान में हुआ। यह मोहल्ला छिपैटी और पुरबिया टोला के बीच स्थित है। उनके पिता का नाम श्री ज्ञान सिंह यादव है और वे पुराने समाजवादी और समाजसेवी हैं। इनका परिवार इटावा में प्रतिष्ठित परिवारों में गिना जाता है। उनकी माता जी, स्व. प्रेमा देवी, भरथना के प्रतिष्ठित राजनैतिक परिवार से जुड़ी हुई थीं।
विशुन चौधरी की प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत मॉडल स्कूल इटावा से हुई। उन्होंने अपनी उच्चतर माध्यमिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज इटावा से पूरी की। इसके बाद उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से बीएए (बैचलर ऑफ़ आर्ट्स) की डिग्री हासिल की। उनकी इच्छा थी कि वे अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाएं और उच्च शिक्षा प्राप्त करें। इसलिए, उन्होंने मध्य प्रदेश के जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से एलएलबी (बैचलर ऑफ़ लॉ) की डिग्री प्राप्त की।
विशून कुमार चौधरी एक अनुभवी पत्रकार हैं जिनकी पत्रकारिता और सामाजिक सेवा में शौक शुरू से ही मौजूद था। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक ‘सविका’ से की और इसके बाद वे दैनिक राकेश, देशधर्म इटावा, दैनिक विकासशील भारत, दैनिक आज आगरा, दैनिक पंजाब केसरी दिल्ली, तरुण मित्र लखनऊ के सवांददाता रह चुके है। वर्तमान में समाचार एजेंसी यूएनआई के संवाददाता पद पर कार्य कर चुके हैं।
पत्रकारिता के दौरान, विशून चौधरी ने चंबल पुल पर कारसेवकों पर हुई फायरिंग के साक्षी बनकर घटना की शानदार रिपोर्टिंग की, उन्होंने कारसेवकों पर हुई फायरिंग का प्रकाशन यू.एन.आई./यूनी वार्ता के माध्यम से किया। हालांकि, बाद में मतभेदों के कारण उन्होंने यू.एन.आई. से इस्तीफा दे दिया।
विशून चौधरी की पत्रकारिता ने उन्हें अपने क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति बना दिया है। उनके कार्यों ने सामाजिक जागरूकता को बढ़ाया है और उन्हें एक प्रशंसा योग्य पत्रकार के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। उनका संघर्ष और समर्पण पत्रकारिता की दुनिया में एक प्रेरणास्रोत के रूप में स्थापित हैं। विशुन कुमार चौधरी एक प्रमुख पत्रकार हैं, जिन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष किया है। उनके पत्रकारिता के दौरान, विशुन ने जिला कृषि अधिकारी और इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सीरीज प्रकाशित कर उनका भ्रष्टाचार उजागर किया।
इटावा जनपद में पत्रकारों के लिए प्रेस क्लब का निर्माण करना कोई आसान काम नहीं है। इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए न केवल इरादे, बल्कि सरकारी आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता होती है। इसी प्रयास में इटावा के पत्रकार विशुन चौधरी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इटावा जनपद में डॉ. नगेंद्र द्विवेदी जी के साथ मिलकर प्रेस क्लब की स्थापना के लिए प्रयास किया और इसके लिए समर्थन प्राप्त किया।
विशुन कुमार चौधरी ने प्रेस क्लब के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए तत्परता और मेहनत की। उन्होंने उस समय के मुख्यमंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव से संपर्क स्थापित किया और आर्थिक सहायता के लिए अपील की। उनके संघर्ष को देखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रेस क्लब निर्माण के लिए आवश्यक धनराशी जारी करने का निर्णय लिया। इससे प्रेस क्लब के निर्माण की प्रक्रिया आरम्भ हो सकी।
विशुन कुमार चौधरी के प्रयासों से निर्मित प्रेस क्लब आज एक महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। वह आज भी प्रेस क्लब के महामंत्री के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। इसके माध्यम से वह इटावा के पत्रकारों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन चुके हैं। उनका योगदान सिर्फ पत्रकारों के मार्गदर्शन के साथ ही सीमित नहीं रहता है, बल्कि वे समाज की सेवा के क्षेत्र में भी अपने योगदान को जारी रखते हैं।
वर्तमान में विशुन चौधरी अंकलीकर वाणी मासिक पत्रिका के संपादक है और यू.एन.आई./यूनी वार्ता के लिए कार्य कर रहे हैं। उनका कार्य उच्चतम पत्रकारिता मानकों को पारित करता है और उन्होंने अपने ज्ञान के माध्यम से सामाजिक विषयों पर जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी समर्पणशीलता, निष्ठा और उद्यमीता के कारण वे पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरा आदर और प्रशंसा के हकदार हैं।