Saturday, September 28, 2024
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इटावा सफारी पार्क में ‘केसरी’ नामक पैरालिसिस बीमारी का शिकार 

उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा के इटावा सफारी पार्क में केसरी नामक शेर के बीमार होने से सफारी पार्क प्रशासन चिंतित है. जानकारी के मुताबिक, केसरी की पूंछ में घाव हो गया था. इस कारण उसकी पूंछ काटना पड़ी थी. इसके बाद से शेर के अंदर कई बदलाव आने लगे थे. साथ ही शरीर का पिछला भाग पैरालिसिस का शिकार हो गया।

सफारी पार्क में केसरी नामक शेर बीमार…

इटावा सफारी पार्क सपा संस्थापक स्व.मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्य मंत्री ऊ.प्र.अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. यहां पर वर्तमान में 17 छोटे-बड़े शेर मौजूद हैं।

मेहज तीन साल के केसरी के पूंछ में गांठ हो गई थी. वह अपने बाड़े में घूमता था, तो इसकी वजह से उसकी पूंछ में इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगा था. सफारी पार्क में मौजूद डॉक्टर्स की टीम ने पूंछ में बढ़ते इंफेक्शन को देखते हुए उसे काट दिया. इसके बाद से शेर के अंदर कई बदलाव आने लगे.

केसरी की स्थिति बताया जा रहा नाजुक…
इसके बाद शरीर का पिछले भाग में पैरालिसिस हो गया. फिर वह अपने शरीर को घसीटने लगा. धीरे-धीरे केसरी चलने-फिरने में असमर्थ हो गया. अब उसकी स्थिति बहुत ही नाजुक बताई जा रही है. वर्तमान में वह जिंदगी मौत से जूझ रहा है. इसके बाद से सफारी पार्क प्रशासन में हड़कंप मचा गया है.

प्रदेश सरकार कर रही है सफारी की अनदेखी- अखिलेश यादव 
पार्क प्रशासन ने विभिन्न जनपदों से जैसे कानपुर, आगरा, मथुरा और बरेली के डॉक्टर्स की टीम बुलाई है. इसके बाद से केसरी का इलाज किया जा रहा है. वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर लायन सफारी की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
अखिलेश ने हाल ही में किए ट्वीट में कहा गया था कि कूनो के चीते, आरिफ का सारस, इटावा लाइन सफारी के शेरों की अनदेखी भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है. इनके शासन में जानवर तक जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बता दें कि वर्तमान में इटावा सफारी में मेल-फीमेल शावक मिलाकर 17 शेर मौजूद हैं. इसके अलावा 3 भालू, 10 लेपर्ड, 128 एंटीलॉप, 108 ब्लैक बग, 10 नील गाय और 12 सांभर रह रहे हैं.

केसरी की हालत में 10 परसेंट का इंप्रूवमेंट- वन अधिकारी निमेष

मामले में क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक कुमार निमेश ने बताया कि सफारी में 3 साल का शेर केसरी है. उसकी पूंछ में घाव हो गए थे. इस कारण उसकी पूंछ काटनी पड़ी थी. तभी से उसके पिछले पैरों में सेंसेशन नहीं हो रही है.

वह घिसटकर चल रहा है. उसके इलाज के लिए कानपुर जू से स्पेशलिस्ट डॉक्टर, आगरा, मथुरा और आरबीआई बरेली से एक्सपर्ट डॉक्टर बुलाए गए हैं. उनकी देखरेख में केसरी का इलाज चल रहा है. वर्तमान में उसकी स्थिति में 5 से 10 परसेंट इंप्रूवमेंट दिखाई दे रहा है.

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