आज ही के दिन 1931 में लाहौर सेंट्रल जेल में अंग्रेजी हुकूमत ने स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी थी। उनकी शहादत को याद करते हुए इटावा में डीवाईएफआई (DYFI) द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां शहीदों को पुष्प अर्पित कर नमन किया गया।
इस अवसर पर कॉमरेड प्रेम शंकर यादव ने कहा, “भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने इंकलाब और पूर्ण आजादी की जो मशाल जलाई थी, वह सदैव जलती रहेगी।”
श्रद्धांजलि सभा में आशा एवं आंगनवाड़ी नेता कॉमरेड संगीता कश्यप, डॉक्टर शौकीन सिंह यादव, किसान सभा के कॉमरेड संतोष राजपूत, डीवाईएफआई जिला मंत्री मोनू यादव, कॉमरेड सकट नारायण सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित किए और अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर कॉमरेड सुमित्रा शाक्य, प्रिया रतन बौद्ध, प्रभात राजपूत, उदय प्रताप समेत अन्य समाजसेवी व कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा का संचालन कॉमरेड नरेंद्र शाक्य ने किया, जबकि अध्यक्षता किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष कॉमरेड विश्राम सिंह यादव ने की।
सभा में वक्ताओं ने शहीदों के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने और उनके सपनों के भारत के निर्माण के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।