पिछले पाँच वर्षों से बाँझपन की समस्या से जूझ रही 28 वर्षीय महिला को उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूपीयूएमएस) के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा की गई सफल सर्जरी से मातृत्व सुख प्राप्त करने का अवसर मिला। इस सर्जरी की विशेषता यह रही कि महिला के दोनों अंडाशयों से ट्यूमर हटाकर प्रजनन अंगों को सुरक्षित रखते हुए ऑपरेशन किया गया।
सर्जरी करने वाली टीम की प्रमुख, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. प्रगति द्विवेदी ने बताया कि यह एक अत्यंत जटिल सर्जरी थी। रोगी के दोनों अंडाशयों में 6×7 सेंटीमीटर आकार के ट्यूमर पाए गए थे। शल्य चिकित्सा से पूर्व आवश्यक जाँचों से पुष्टि हुई कि यह ट्यूमर घातक नहीं था, परंतु यह दोनों अंडाशयों, फैलोपियन ट्यूबों और बड़ी आंत से चिपके हुए थे। बिना किसी क्षति के इन ट्यूमर को निकालना एक बड़ी चुनौती थी। यदि शल्य चिकित्सा समय पर न की जाती, तो महिला को अपने दोनों अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब गंवाने पड़ सकते थे, जिससे उसकी प्राकृतिक गर्भधारण क्षमता और मासिक धर्म समाप्त हो जाते।
सर्जरी से लाभान्वित महिला ने बताया कि उसने पिछले पाँच वर्षों में इटावा से दिल्ली तक कई निजी अस्पतालों में उपचार कराया, जिसमें भारी आर्थिक व्यय हुआ, फिर भी संतोषजनक परिणाम नहीं मिला। यूपीयूएमएस, सैफई के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में परामर्श के बाद, चिकित्सकों द्वारा सुझाई गई आवश्यक जाँचें और नाममात्र के खर्च में किए गए सफल ऑपरेशन ने उसकी ज़िंदगी बदल दी। अब सफल सर्जरी के बाद उसकी माँ बनने की संभावना बढ़ गई है।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. कल्पना कुमारी ने बताया कि यह सर्जरी बेहद जटिल थी, लेकिन टीम के सामूहिक प्रयास से इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इस टीम में डा. प्रगति, डा. वैभवकांति, डा. सारिका, डा. शिल्पी, डॉ. पल्लवी, गैस्ट्रोलॉजी विभाग से डॉ. हितेश, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. मनोज सहित अन्य चिकित्सकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस सफल सर्जरी पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी.के. जैन, प्रतिकुलपति डॉ. रमाकांत यादव, कुलसचिव डॉ. चंद्रवीर सिंह, संकायाध्यक्ष डॉ. आदेश कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.पी. सिंह और अन्य फैकल्टी सदस्यों ने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की चिकित्सकीय टीम को बधाई दी।