Friday, July 4, 2025

श्रीमद्भागवत कथा में ध्रुव चरित्र और सती चरित्र का हुआ वर्णन

Share This

निवाड़ीकला। क्षेत्र के ग्राम जगमोहनपुर भिटारा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक ने भक्तों को ध्रुव चरित्र और सती चरित्र का प्रसंग सुनाया। कथा वाचक ने दोनों प्रसंगों के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को प्रस्तुत किया।

ध्रुव चरित्र में भगवान ने भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान देने की कथा सुनाई। आचार्य ने बताया कि ध्रुव, जो सौतेली मां से अपमानित हुआ था, उसने कठोर तपस्या करने का निर्णय लिया। वह बिना किसी भय के जंगल की ओर चल पड़ा, जहां बारिश, आंधी और तूफान ने उसे परेशान किया, लेकिन ध्रुव ने तपस्या में कोई कमी नहीं आने दी। उसकी भक्ति और समर्पण को देखकर भगवान ने उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे अटल पदवी दी।

इस कथा का उद्देश्य दर्शकों को धैर्य, संघर्ष और विश्वास के महत्व को समझाना था। आचार्य ने कहा कि जीवन में कठिनाइयाँ आना स्वाभाविक है, लेकिन अगर हमारी नीयत सच्ची हो, तो भगवान हमारी मेहनत को पहचानते हैं और हमारी सहायता करते हैं।

Share This
Desk Etawah Live
Desk Etawah Livehttps://etawahlive.com/
इटावा से जुडी ख़बर हमें भेंजें, Email - etawah.news@gmail.com, Mob :- 7017070200
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

हमारा इटावा

शिक्षाविद

राजनीतिज्ञ

प्रशासनिक अधिकारी

प्रमुख संस्थान

चिकित्सक

चर्चित व्यक्तिव

पत्रकार

टॉप आर्टिकल्स