ताखा। इटावा के ग्रामीण इलाकों में सफाई व्यवस्था को लेकर शासन लाखों रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और ग्राम प्रधानों की लापरवाही के कारण गांवों में गंदगी की समस्या बढ़ती जा रही है। खासतौर पर ग्राम पंचायत मामन हिम्मतपुर में सफाई के लिए एक वर्ष पूर्व स्थापित किए गए रिमोर्स रिकवरी सेंटर (आरआरसी) पर ताला लटक रहा है, जबकि गांव के विभिन्न हिस्सों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। यह स्थिति शासन द्वारा दिए गए बजट और प्रयासों के बावजूद देखने को मिल रही है।
ग्राम पंचायत मामन हिम्मतपुर के तहत चारों गांवों जैसे उददेत्तपुर, गंगदासपुर, नगला मके और नगला चंद में सफाई की हालत बेहद खराब है। गलियों और मुख्य बाजार में जगह-जगह कचरा फैला हुआ है, जिससे न केवल बदबू फैल रही है, बल्कि बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। एक साल पहले यहां आरआरसी सेंटर, प्लास्टिक बैंक और कचरा इकठ्ठा करने के लिए ई रिक्शा खरीदे गए थे, लेकिन इन सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आरआरसी सेंटर का निर्माण कचरा प्रबंधन के लिए किया गया था, लेकिन इसे संचालित करने में पंचायत पूरी तरह विफल साबित हो रही है। गांव में खड़े ई रिक्शा अब शोपीस बनकर रह गए हैं, जबकि प्लास्टिक बैंक भी खाली पड़े हुए हैं। इस लचर सफाई व्यवस्था ने प्रशासन और पंचायत की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि जब कभी कोई जनपद स्तर का अधिकारी निरीक्षण के लिए आता है, तो ब्लॉक के अधिकारी उससे पहले पहुंचकर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करवा देते हैं, लेकिन अधिकारी जाने के बाद स्थिति फिर से जस की तस हो जाती है। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है, क्योंकि कचरे और गंदगी के कारण उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।
इस मुद्दे पर ग्राम पंचायत के वीडीओ राजकुमार शर्मा ने बताया कि वे पंचायत सचिव से जानकारी लेंगे और सफाई व्यवस्था को लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा, ताकि ग्रामीणों को गंदगी से मुक्ति मिल सके।