ब्लॉक क्षेत्र के कस्वा ऊसराहार और आसपास के गांवों में आलू की पछेती खेती करने वाले किसानों को झुलसा रोग के कारण अब चिंता का सामना करना पड़ रहा है। आलू की फसल में इस रोग के कारण पौधों की पत्तियां काली पड़ने लगती हैं, जिससे आलू की पैदावार पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और फसल में कमी हो सकती है।
किसान फसल में लगने वाले इस झुलसा रोग से निपटने के लिए दवा का छिड़काव करने में जुटे हुए हैं। आलू की बुआई इस साल जिले में करीब 56 हजार हैक्टेयर में की गई है, लेकिन इस रोग के कारण किसान परेशान हैं।
ब्लॉक क्षेत्र के कस्वा ऊसराहार के आसपास के गांवों जैसे टिपटिया, बदकनशाहपुर, पुरेला, चितरपुर, नगला लछी, कदमपुर समेत करीब दो दर्जन गांवों में बड़ी संख्या में आलू की खेती की जाती है। हालांकि, बुआई के समय अत्यधिक गर्मी के कारण आलू की फसल का जमाव सही से नहीं हुआ था और अब झुलसा रोग ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है।
किसान इस रोग से निजात पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मौसम और रोग के साथ लड़ाई आसान नहीं लग रही है। अगर समय रहते इस समस्या पर काबू नहीं पाया गया, तो फसल पर इसका और अधिक संकट हो सकता है, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।