इटावा: वर्ष 2024 का आगमन अपने साथ एक नई दिशा और सफलता लेकर आया है, खासकर कानून व्यवस्था के मोर्चे पर। इस वर्ष का महत्व केवल अपराधों के ग्राफ में कमी के रूप में ही नहीं देखा जा सकता, बल्कि यह ऐतिहासिक बदलाव के रूप में भी याद किया जाएगा।
इस साल 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए, जिन्होंने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली। यह एक बड़ा कदम था, जो भारतीय न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रासंगिक और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया।
वर्ष 2023 की तुलना में इस वर्ष लूट और चोरी की घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी आई है। लूट की घटनाएं 83 से घटकर 43 हो गईं, वहीं चोरी की घटनाओं में भी कमी आई है, जो 386 से घटकर 263 तक पहुंच गई हैं। यह आंकड़े अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में बेहतर कार्यप्रणाली और पुलिस की सक्रियता को दर्शाते हैं।
इसके अलावा, साइबर अपराध के खिलाफ भी प्रभावी कदम उठाए गए। 28 फरवरी को पुलिस लाइन में साइबर क्राइम थाना खोला गया और सभी थानों पर नवगठित साइबर सेल की शुरुआत की गई। साइबर अपराधियों के खिलाफ यह कदम महत्वपूर्ण साबित हुआ है क्योंकि वर्तमान समय में कंप्यूटर, इंटरनेट और सूचना तकनीकी के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इसके दुरुपयोग से नए और खतरनाक साइबर अपराधों का सामना भी किया जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराधियों द्वारा नई तकनीकी का प्रयोग करके अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे इन अपराधों को पकडऩा और रोकना एक चुनौती बन गई है। हालांकि, पुलिस ने इन अपराधों से निपटने के लिए अपने प्रयासों को तेज किया है।
2024 की शुरुआत ने यह साबित कर दिया है कि इटावा में कानून व्यवस्था मजबूत हो रही है और पुलिस प्रशासन अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध है।