बकेवर बिजौली गांव में बिना पंजीकरण संचालित हो रहे निजी क्लीनिक पर शनिवार को डिप्टी सीएमओ डॉ. यतेंद्र राजपूत ने छापा मारा। औचक निरीक्षण के दौरान क्लीनिक संचालक गौरव कुमार के पास किसी प्रकार का वैध पंजीकरण या चिकित्सकीय डिग्री नहीं मिली। मौके पर क्लीनिक को सील कर झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
डिप्टी सीएमओ ने बताया कि सीएमओ के निर्देश पर बिजौली गांव में शिकायत के आधार पर यह निरीक्षण किया गया। क्लीनिक पर बड़ी मात्रा में मरीज, दवाएं और इंजेक्शन पाए गए। साथ ही जैविक कचरा भी अनियमित तरीके से पड़ा हुआ था। पूछताछ के दौरान क्लीनिक संचालक गौरव कुमार पंजीकरण और डिग्री से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका।
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि क्लीनिक में बिना किसी मानक के चिकित्सा सेवाएं दी जा रही थीं। जैविक कचरे के निपटान की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को खतरा था। डॉ. यतेंद्र राजपूत ने बताया कि इस तरह की लापरवाही से मरीजों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
डिप्टी सीएमओ ने मौके पर ही क्लीनिक को सील कर दिया और झोलाछाप के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में विभाग किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि बिना पंजीकरण और प्रमाणिकता वाले क्लीनिकों से बचें। इस कार्रवाई से क्षेत्र में झोलाछाप चिकित्सकों में हड़कंप मच गया है। अधिकारी ऐसे अवैध क्लीनिकों पर निगरानी बनाए हुए हैं और आगे भी इस तरह की कार्रवाइयां जारी रहेंगी।