इटावा: जिले में चल रही स्लीपर बसें यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं। इन बसों में न तो आग बुझाने के उपकरण हैं और न ही प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बॉक्स। जबकि, इन उपकरणों के बिना किसी भी बस को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता है। इसके बावजूद ये बसें सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। परिवहन विभाग की इस लापरवाही से सवाल उठ रहे हैं।
यह तो बस एक उदाहरण है। असल में, इन स्लीपर बसों के पास जीटी रोड और हाईवे पर चलने का कोई वैध परमिट नहीं होता है। ये बसें टूरिज्म या शादी पार्टी के परमिट के आधार पर संचालित की जा रही हैं। जबकि राष्ट्रीयकृत मार्गों पर सवारियों को ले जाने पर इन बसों पर रोक है। दिल्ली, अजमेर, जयपुर और आगरा जैसे शहरों के बीच ये बसें मात्र 350-400 रुपये में सवारियों को लेकर जा रही हैं।