इटावा महोत्सव के प्रदर्शनी कैंप में मंगल मिलन सत्संग का आयोजन उत्साह और उमंग के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन परम संत वासुदेव मुनि के पावन सानिध्य और संस्कृतनिष्ठ शिक्षाविद आचार्य आनंद प्रकाश पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सत्संग में धर्म, भक्ति और ज्ञान की त्रिवेणी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
मंगल मिलन के संयोजक अशोक कुमार पांडे और देवेश शास्त्री ने आचार्य कमल किशोर बाजपेई के निर्देशन में षोडशोपचार पूजन किया। इसके बाद मंगल मिलन सत्संग समिति की ओर से सुंदरकांड का अखंड पाठ किया गया।
पांडे परिवार की ओर से प्रख्यात कथा वाचक एवं रामलीला में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले पंडित गोविंद त्रिपाठी को श्रद्धेय सिद्धनाथ पांडे एडवोकेट स्मृति अलंकरण से सम्मानित किया गया। चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त भजन गायिका उर्वशी द्विवेदी को सरला पांडे स्मृति अलंकरण से नवाजा गया।
मंगल मिलन के द्वितीय चरण में विद्वानों के व्याख्यान और भजन-कीर्तन का क्रम चला। संस्कृत और भागवत के प्रशिक्षु कृष्ण चैतन्य तिवारी ने परिपक्व कथा वाचक की शैली में अलंकारिक भाषा में ज्ञान, वैराग्य, पराभक्ति और मोक्ष का विश्लेषण किया। वृंदावन धाम से पधारी कथा वाचिका शिवानी किशोरी भगवत भक्त ने भक्ति की अविरल धारा बहाई, जिसने श्रोताओं को भक्ति-भाव में डुबो दिया।
दिबियापुर औरैया के आचार्य राघवेंद्र शुक्ला ने अपने व्याख्यान में समाज सुधार का एक अनूठा पहलू प्रस्तुत किया। उन्होंने रात की बजाय दिन में विवाह संस्कार करने का सुझाव देते हुए इसके लाभ बताए।
यह सत्संग श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा साबित हुआ, जहां भक्ति, ज्ञान और संस्कार का अद्भुत संगम देखने को मिला। आयोजन के अंत में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने धर्म और अध्यात्म की गहरी अनुभूति के साथ आयोजन समिति का आभार व्यक्त किया।