महेवा ब्लॉक के कई गांवों में बारिश से बर्बाद हुई खरीफ की फसल का सर्वे अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। किसानों की हालत यह है कि जिन खेतों में खरीफ की फसल नष्ट हो गई थी, वे खेत आज तक सूखे नहीं हैं। इस वजह से किसान रबी की फसल की बुआई भी नहीं शुरू कर पाए हैं। ऐसे में किसानों को दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है।
प्रशासन द्वारा किए गए आंशिक सर्वे में महेवा ब्लॉक के 27 गांवों में खरीफ की फसल के लगभग 1400 हेक्टेयर नुकसान की बात कही गई है। हालांकि, अब भी कई गांव ऐसे हैं, जहां के किसानों को सर्वे का इंतजार है। इन गांवों में बाजरा, धान और सब्जियों की फसलें बारिश के कारण पूरी तरह नष्ट हो गई थीं, लेकिन राजस्व विभाग की टीम ने वहां सर्वे नहीं किया।
बकेवर क्षेत्र के सरायमिट्ठे गांव की स्थिति और भी गंभीर है। गांव में हाईवे के किनारे स्थित करीब 100 बीघा जमीन पर अभी भी पानी भरा हुआ है। किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति में जनवरी के मध्य तक भी गेहूं की फसल की बुआई करना मुश्किल होगा।
किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सर्वे के नाम पर केवल कागजी कार्रवाई हो रही है। जिन गांवों में फसल का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, वहां लेखपाल अभी तक नहीं पहुंचे हैं। किसानों ने मांग की है कि जल्द से जल्द सर्वे पूरा कराकर उन्हें मुआवजा दिया जाए, ताकि वे आगे की खेती की तैयारी कर सकें।