लोकतंत्र ने पत्रकारिता का दायित्व सर्वश्रेष्ठ: सिद्धार्थ कलहंस
पत्रकारों की पेंशन के लिए योगी सरकार जुटी: हेमंत तिवारी
गणेश ज्ञानार्थी
इटावा,21 दिसंबर।दशकों की जड़ता तोड़ते हुए इटावा नुमाइश पंडाल में कल पत्रकार सम्मेलन करा कर उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन ने नया इतिहास रच दिया,जिससे पत्रकारों में बड़ा उत्साह देखने को मिला। जिसमे लखनऊ के आधा दर्जन अतिथि पत्रकारों सहित अड़ोस पड़ोस के लगभग पांच दर्जन पत्रकारों ने भी भाग लेकर आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। स्थानीय समेत लगभग दो सैकड़ा पत्रकारों ने भाग लिया।पत्रकार अधिवेशन की अध्यक्षता प्रख्यात शिक्षाविद डॉक्टर विद्याकांत तिवारी ने की और संचालन कवि मयंक बिधौलिया ने किया।
समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और छात्राओं द्वारा मनमोहक झाकियों के साथ प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ।
इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने मुख्य अतिथि पद से पत्रकारिता के समक्ष कठिनाइयों के निस्तारण में संगठन के प्रयास गिनाए उम्मीद जताई कि पत्रकारों की एकजुटता से समाधान की राह आसान हो रही है।
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष टी वी सिंह ने यहां की यूनिट की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर आप पत्रकारों की समस्याओं के प्रति जागरूक और सक्रिय रहेंगे तो पत्रकार आपके साथ जरूर रहेंगे, इटावा के संगठन ने साबित कर दिया कि अब वे मुरादाबाद की यूनिट से भी आगे हो गए हैं। उन्होंने सभी जिलों से आए पत्रकारों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं पर प्रदेश स्तर पर उठा कर सरकार से समाधान कराने में कोई कसर नहीं रखी जायेगी।
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के पांचवी बार भी अध्यक्ष चुने गए हेमंत तिवारी ने इस पद पर पुनः निर्वाचित करने में योगदान करने वाले इटावा के मतदाता साथियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रनिर्माण की लंबी प्रक्रिया में सबके योगदान के साथ पत्रकारिता की भूमिका सबसे अलग और सर्वश्रेष्ठ है। पत्रकार समाज के हर वर्ग की स्वतंत्रता के लिए लड़ते हैं और साहित्यकार समाज का दर्पण बन कर योगदान करते है। उन्होंने अन्य जानकारियों के साथ यह भी बताया कि पत्रकार पेंशन अगले वर्ष तक प्रारंभ हो जाएगी जिसके लिए सभी संगठन आवाज उठाने के लिए बधाई के पात्र हैं।
लखनऊ से पधारे वीरेन्द्र सिंह,आचार्य अजय त्रिवेदी, राजेश मिश्रा,डॉक्टर उत्कर्ष सिन्हा आदि ने भी पत्रकारिता हित में अनेक जानकारियां दीं।
अध्यक्षता कर रहे साहित्य महोपाध्याय डॉक्टर विद्या कांत तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में तीन तंत्र की ताकत तीन स्तंभों में है,जबकि लोक की ताकत केवल पत्रकारिता के पास है,पत्रकारिता के जुझारुओं को लोक जनजीवन के मंगल हेतु सावधानी से अपनी भूमिका निभानी चाहिए और संकट में ज्यादा सतर्कता से अपने सहित पीड़ित की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने इटावा की संघर्ष शील पत्रकारिता की चर्चा की और पत्रकारों के संगठन के रचनात्मक प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की।
विचार व्यक्त करने का आगाज़ औरैया से आये वहां के प्रेस क्लब के संस्थापक और संरक्षक आनंद कुशवाहा ने किया और कहा कि ” जो वक्त की आंधी से खबरदार नही है,कुछ और ही होगा वो कलमकार नही है।पीड़ित की आवाज को प्रमुखता देने और पेशे की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए उन्होंने सभी का आवाहन किया।
प्राचार्य महेश तिवारी ने पुराने समय की पत्रकारिता से आज तक के हालातों की पत्रकारिता की व्यापक चर्चा की और कहा कि मोबाइल और कैमरे की पत्रकारिता का महत्व है फिर भी प्रिंट की विश्वसनीयता अभी भी जनता के दिल दिमाग में है।
वयोवृद्ध राम नरेश माधव ने कहा कि पत्रकारिता करना अब ज्यादा सरल हो गया है, पहले खतरे ज्यादा थे।आज भी हैं।मगर आप अपनी नीतियों पर डटे रहेंगे तो कोई आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा। प्रदीप शर्मा दोस्त,सुशील सम्राट, एडवोकेट अश्विनी सिंह, कर्मचारी नेता हरी किशोर तिवारी, संगठन अध्यक्ष अमित मिश्रा,कार्यकारी अध्यक्ष अतुल वी एन चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष संजय चौहान,महासचिव आनंद त्रिपाठी आदि एक दर्जन वक्ताओं ने अपने विचारों में पत्रकारों को मजबूती देने और उनकी समस्याओं के लिए लड़ने और एक जुटता के लिए सभी का सहयोग लेने की बात कही। इलेक्ट्रॉनिक एंड प्रिंट मीडिया एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी सुघर सिंह ने पत्रकारों के हर संघर्ष में साथ देने की अपील की और कहा कि कोई संगठन हो हर आयोजन और संघर्ष में सभी पत्रकारों को एक जुटता दिखानी चाहिए ।
इस अवसर पर स्वतंत्र पत्रकार गणेश ज्ञानार्थी को अतिथियों द्वारा विशिष्ट सम्मान अर्पित किया गया। प्रदीप शर्मा दोस्त, रविन्द्र शर्मा आदि पत्रकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया। एटा मैनपुरी औरैया के पत्रकारों को सम्मानित किया गया।। अतिथियों और पत्रकारों ने जिला प्रशासन के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया और विशेष धन्यवाद इस बात के लिए दिया कि इस कार्यक्रम के विरोध में दिए गए पत्र का संज्ञान न लेकर और वास्तु स्थिति से अवगत होकर डी एम रॉय ने अपनी वैचारिक परिपक्वता का परिचय दिया है,जिससे उनके व्यक्तित्व की गरिमा और सर्व स्वीकार्यता में वृद्धि हुई है।
समयभाव के कारण तमाम बाहरी पत्रकारों को बोलने का अवसर न मिल पाने से उनके विचारों से वंचित रह जाने की पीड़ा रही। सभी संगठन सदस्यों को अध्यक्ष तिवारी जी ने बेज लगा कर प्रोत्साहित किया। आए हुए अतिथियों पत्रकारों का शॉल उड़ाकर प्रतीक चिन्ह देकर और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। पत्रकारों के सम्मेलन नुमाइश में पिछली बार डी एम मधुकर द्विवेदी के कार्यकाल में हुआ था उससे पूर्व विद्याकान तिवारी द्वारा 1993 में उससे पूर्व अविनाश चंद्र मॉडवेल द्वारा 1990 ने हुआ था।काफी समय बाद संपन्न आयोजन से पत्रकार प्रफुल्लित रहे।