जसवंतनगर। नवीन मंडी में स्थित चार सरकारी धान क्रय केंद्रों पर खरीद पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। मोटे धान की पैदावार कम होने और किसानों की रुचि कम होने के कारण इन केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। किसान अपने पतले धान, खासतौर पर बासमती, को निजी आढ़तियों और गैर जनपदों से आए व्यापारियों को बेच रहे हैं, जो सरकारी केंद्रों की तुलना में बेहतर दाम दे रहे हैं। सरकार ने इन चार क्रय केंद्रों पर 28 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन 1 नवंबर से खरीद प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद अब तक मात्र 2769 क्विंटल धान की खरीद हो पाई है। नवीन मंडी और नवोन मंडी के एबीसी क्रय केंद्रों पर यह लक्ष्य बुरी तरह अधूरा है। इनमें से 653, 127, 1636, और 353 क्विंटल धान ही खरीद पाई गई है।
स्थानीय किसानों का कहना है कि बाजार में गैर जनपदों से आए व्यापारी बासमती धान के लिए ज्यादा कीमत दे रहे हैं। ऐसे में किसान सरकारी क्रय केंद्रों की बजाय निजी आढ़तियों की ओर रुख कर रहे हैं। सरकारी केंद्रों पर समर्थन मूल्य योजना के तहत खरीद हो रही है, लेकिन किसानों को यहां अपनी फसल बेचने में लाभ नजर नहीं आ रहा है।
धान खरीद के लिए 1 नवंबर से चल रही प्रक्रिया में अब एक महीना बीतने के बाद भी सरकारी केंद्रों पर स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, और निर्धारित लक्ष्य तक पहुंच पाना मुश्किल नजर आ रहा है। किसानों ने सरकारी क्रय केंद्रों पर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने और समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग की है, ताकि वे अपनी फसल इन केंद्रों पर बेचने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।