जिले में मूकबधिर बच्चों के जीवन में बदलाव लाने के लिए बाल आवाज अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य जन्मजात सुनने और बोलने में असमर्थ बच्चों को बेहतर जीवन प्रदान करना है। पहले चरण में जिले के 26 मूकबधिर बच्चों को चिह्नित किया गया है। सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में इन बच्चों का कोक्लियर इम्प्लांट के जरिए इलाज किया जाएगा। पांच साल तक के इन बच्चों को शासन द्वारा पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। इस अभियान की सफलता की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) अजय कुमार को सौंपी गई है।
अभियान के तहत पहली और दूसरी ओपीडी पूरी हो चुकी है। अब तीसरे चरण में सर्जरी की तैयारी की जा रही है। इस सर्जरी में शासन का पूरा सहयोग रहेगा। यह अभियान न केवल बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौटाएगा, बल्कि उनके परिवारों में भी खुशी की लहर दौड़ाएगा। भश्वना निवासी अशोक कुमार के यहां उनकी दो बेटियों की खुशी कुछ ही दिनों में काफूर हो गई थी, जब उनके पुत्र अनमोल के मूकबधिर होने का पता चला। परिवार ने काफी इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब अनमोल का नाम इस योजना में शामिल हो गया है, जिससे उसके माता-पिता की उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं।
डीपीओ अजय कुमार और उनकी टीम ने घर-घर जाकर एक से पांच साल तक के मूकबधिर बच्चों की पहचान की। अब तक 26 बच्चों को चिह्नित किया गया है। सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने इन बच्चों की जांच की। बाल आवाज अभियान से न केवल बच्चों को नया जीवन मिलेगा, बल्कि उनके परिवारों की खुशियां भी लौट आएंगी। यह पहल जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।