बकेवर:- रावे कार्यक्रम के अंतर्गत जनता कॉलेज बकेवर के कृषि स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के द्वारा एक किसान गोष्ठी/ प्रशिक्षण का आयोजन ग्राम उझियानी में कराया गया।
जिसमें किसान गोष्ठी/ प्रशिक्षण के संयोजक डॉ एमपी सिंह ने सभी विषय विशेषज्ञों एवं किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि रावे कार्यक्रम के अंतर्गत जनता कॉलेज बकेवर प्रत्येक वर्ष महेवा ब्लाक के अंतर्गत किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण का आयोजन कर नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकी जानकारी किसानों तक पहुंचाने का कार्य करता है जिससे किसान आधुनिक नवीनतम तकनीकी के माध्यम से खेती करते हैं, आज उसी क्रम में ग्राम उझियानी के अंतर्गत गोष्टी हो रही है यह समय रबी फसल की बुवाई का समय है अक्टूबर माह में सरसों एवं आलू व नवंबर माह में गेहूं, जौ, जई की बुवाई का उपयुक्त समय होता है।
इटावा परिक्षेत्र के किसान अधिकांशतः धान- गेहूं फसल चक्र करते हैं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में गिरावट होती है इसलिए किसानों को फसल अदल-बदल कर करनी चाहिए और मक्का -लाही -गेहूं -मूंग या उर्दू -सरसों- एमपी चारी या अरहर+ ज्वार-गेहूं मूंग/उर्द/कद्दू वर्गीय फसल उगानी चाहिए।
साथ ही साथ सभी कृषि कार्य जैसे जुताई ,बुवाई ,सिंचाई निराई, फसल सुरक्षा उपाय,कटाई व मढ़ाई समय से करने चाहिए अन्यथा उपज कम होती है। डॉ सिंह ने सरसों में उपज बढ़ाने के लिए थिनिंग, टॉपिंग व शस्य रसायनों के प्रयोग करने एवं गेहूं की उपज बढ़ाने के लिए एचडी 2967 प्रजाति लाइन में बोकर 21 से 25 दिन बाद पहली सिंचाई कर निराई करने व समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के तहत पोषक तत्व देने की सलाह दी।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर एमपी यादव ने फलोत्पादन तकनीकी एवं बागवानी में लगने वाले रोग व निदान के बारे में जानकारी दी। डॉ पीके राजपूत संयोजक, रावे, ने भूमि एवं जल संरक्षण तकनीकी के साथ-साथ बताया कि रावे कार्यक्रम से किसानों की समस्या विद्यार्थियों के माध्यम से विषय विशेषज्ञ तक पहुंचती हैं तथा विषय विशेषज्ञ उनका निदान विद्यार्थियों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाते हैं और विद्यार्थी किसानों के संपर्क में रहकर व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।
डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बीज उत्पादन तकनीकी एवं अच्छे निरोग स्वस्थ बीज एवं अधिक उपज देने वाली प्रजातियों को बोने की सलाह दी।
डॉ आदित्य कुमार ने कृषि के साथ-साथ पशुपालन करने की सलाह दी और स्वस्थ पशुओं के लिए संतुलित आहार के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ पशुओं के रोग उनके लक्षण व निदानों के बारे में बताया।
डॉ मनोज कुमार यादव ने फसलों के रोग व नियंत्रण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अभी धान में प्रमुख रूप से फाल्स स्मट रोग लग रहा है।
इसके नियंत्रण के लिए प्रोपाकोनाजोल 0.2प्रतिशत का प्रयोग करना चाहिए साथ ही गेहूं की बुवाई से पूर्व कंडवा रोग से बचने के लिए बीज को वीटावैक्स ढाई ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करना चाहिए। अंत में ग्राम प्रधान देवेंद्र कुमार ने कृषक गोष्ठी को किसानों के लिए अति महत्वपूर्ण बताते हुए सभी का धन्यवाद व्यापित किया।
गोष्ठी में प्रमुख रूप से ग्रीस, यशोदानंद चिंतामणि ,श्री कृष्ण,देवेंद्र कुमार रूपाली राम, रामानंद, सुरेश चंद्र तिवारी, राकेश नारायण, अमर सिंह गौरीशंकर ,चंद्र मोहन तिवारी, प्रहलाद सिंह ,हरिश्चंद्र, दिनेश कुमार, जगदीश ,रूप सिंह, ज्ञान सिंह, राम रतन आदि कृषक उपस्थित रहे।