नगर पालिका इटावा में सपा भाजपा दोनों पक्षों की माने तो अबतक नगर पालिका में हर काम के लिए 30 से 35 प्रतिशत कमीशन लिया जाता था। इस मामले में जनता की राय क्या है इसका पोल इटावा लाइव ने कराया जिसका लिंक इटावा लाइव पर उपलब्ध हैं।
इस पोल में अबतक कुल 154,905 लोगों ने भाग लिया, जिनमें से 107,282 लोगों की (69%) यह राय हैं कि किसी भी प्रकार के काम के लिए कमीशन 40 प्रतिशत से कम नहीं होगा। वहीं 34,780 लोग (22%) मानते है की अब कमीशन 50 प्रतिशत से कम न होगा, 8,340 लोग (5%) सोचते है की 20 प्रतिशत पर बात बन जाएगी। साथ ही, 4,503 लोग (3%) ने यह राय भी व्यक्त की अब कोई कमीशन नहीं लिया जायेगा।
अबतक के परिणाम ने नगर पालिका की अध्यक्ष, सदस्यों एवं अन्य लोगों के लिए एक नयी चुनौती सामने रख दी है कि वे किस प्रकार अधिक से अधिक कमीशन प्राप्त कर सके, ताकि इटावा के विकास को छोड़ अपनी आर्थिक प्रगति कर सके।
ज्यादातर लोगों के अनुसार विकास कार्यों के लिए लिए जाने वाले कमीशन की दर 40 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए। वे इससे इन जिम्मेदार लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक मानते हैं।
कुछ लोग कमीशन के 50 प्रतिशत होने में विश्वास रखते है। उनका मानना है कि यह स्थिति नगर पालिका के जिम्मेदार लोगों के आर्थिक विकास को गति देने में मदद करेगी और साथ ही सामान्य नागरिकों का अधिक से अधिक शोषण करने के लिए उपयुक्त होगा।
यह नगर पालिका के नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के हाथ में है कि किस प्रकार की कमीशन दर सबसे उपयुक्त होगी। धनवान जनप्रतिनिधि बनने की दिशा में नगर पालिका के नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। इटावा के लोगों ने इस मतदान से साफ किया है कि वे आगामी दिनों में शहर के विकास के प्रति कितनी नकारात्मक और निराशा का भाव रखते हैं।