Thursday, December 26, 2024

नैना को सर्प ने काटा घरवाले तुरन्त ही बन्ध लगाकर लाए जिला अस्पताल,बची जान

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नैना को सर्प ने काटा घरवाले तुरन्त ही बन्ध लगाकर लाए जिला अस्पताल,बची जान

डॉ आशीष से फोन पर मिली तत्काल सहायता से सभी की घबराहट हुई कम

डॉ आशीष 24 घण्टे फोन पर दे रहे है सर्प दंश से पीड़ित लोगों को तत्काल सहायता

डॉ आशीष त्रिपाठी

इटावा। फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत दतावली के लाखापुर निवासी उमेश एवम मिथलेश की चार वर्षीय मासूम बेटी नाली किनारे खड़ी थी तभी अचानक उसे किसी सर्प ने अंधेरे में ही पैर की उंगली में काट लिया जिसके बाद बच्ची ने भी सर्प को पकड़कर अलग करने की कोशिश की जिससे बाद उसके दांत नैना के पैर में लगने से उंगली की खाल फट गई और बच्ची का पैर लहूलुहान हो गया। यह घटना रात लगभग 10 बजे की है तभी जागरूक घरवाले बच्ची को सीधे जिला अस्पताल ले आए और उसे ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों द्वारा तत्काल जरूरी उपचार दे दिया गया। बच्ची के मामा बबलू जो कि अपर जिलाधिकारी इटावा के आवास पर कार्यरत है ने तत्काल ही देर रात्रि में सर्प मित्र डॉ आशीष से संपर्क किया और उनके 24×7 व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 7017204213 पर नैना के पैर के घाव की साफ फोटो भेजी जिसके बाद उस फोटो को देखकर व बच्ची के सामान्य लक्षण ठीक से पहचानकर डॉ आशीष त्रिपाठी ने उस सर्प की पहचान बिना जहर के सर्प के रूप में की। जिसके बाद घरवालों का भय भी कम हुआ। बबलू ने बताया कि वे डॉ आशीष त्रिपाठी के दिए निर्देश समाचार पत्रों या व्हाट्सएप मेसेज में हमेशा ही पढ़ते रहते है। इसलिए उन्होंने तत्काल हल्का बंध लगाकर बच्ची को इमरजेंसी वार्ड में लाकर भर्ती करा दिया था। खबर लिखे जाने तक बच्ची बिल्कुल नार्मल थी और बातचीत कर रही थी। जनपद इटावा में मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी द्वारा चलाए जा रहे सर्प दंश जागरूकता अभियान का खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक बहुत बड़ा असर हुआ है। जिसके बाद लोग झाड़ फूंक में विश्वास न करके सर्प दंश होने पर सीधे जिला अस्पताल आने लगे है। ऐसा बदलाव ग्रामीणों में पहले कभी नही देखा गया। डॉ आशीष त्रिपाठी के इन प्रयासों और 24 घंटे उनके फोन पर दी जा रही निशुल्क चिकित्सा परामर्श एवम सहायता की वजह से सैकड़ों लोगों की जान सर्पदंश के बाद होने वाली बेवजह घबराहट से बच चुकी है। विदित हो कि भारत में सरोदांश से होने वाली सबसे अधिक मौत उतर प्रदेश में ही होती है इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सर्पदंश को राज्य आपदा घोषित किया जा चुका है। उक्त घटना के बाद नैना के घरवालों ने तत्काल फोन पर सहायता प्रदान करने के साथ साथ उन्हे भयमुक्त करने के लिए सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी का हार्दिक आभार प्रकट किया है।

Ajay Kumar
Ajay Kumarhttps://etawahlive.com/
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