Thursday, November 13, 2025

इटावा पर हुआ लड़ाकू जाति‍ का अधि‍कार

Share This

1761 ई0 में पानीपत के युद्ध में मराठे  अहमदशाह अब्‍दाली से हार गये । अब्‍दाली  ने भारत से जाते समय अपने बहुत  से प्रदेश रूहेलों  में दे दि‍ये। इटावा को  लेकर भी रूहेलों  और मराठों  में युद्ध हुये  जि‍समें मराठे हार गये। इटावा पर रूहेलों, बरेली, शाहजहांपुर आदि‍ क्षेत्रों  पर लड़ाकू जाति‍  का अधि‍कार हो गया। इटावा पर अधि‍कार  को लेकर  अठाहरवीं  शताब्‍दी  का छठा दशक  त्रि‍कोणात्‍मक संघर्ष  जैसा चला रहा लेकि‍न  तीनों ही शक्‍ि‍तयां यह न देख पाई कि‍ भारत के क्षेत्रों  में वास्‍तवि‍क हकदार तो कोई और ही थे।

1602 ई0 में सूरत के तट पर आए अंग्रेज व्‍यापारी 1757 ई0 के प्‍लासी  युद्ध में तथा 1764  ई0 के बक्‍सर के युद्ध में बंगाल के नबावों और दि‍ल्‍ली  के सम्राट को परास्‍त करने के बाद अपनी राजनैति‍क सत्‍ता का लगातार बि‍स्‍तार कर रहे थे मराठों  और अबध के नवाब के मध्‍य सत्‍ता अधि‍कार में झूलता इटावा अन्‍त: 10 नबम्‍बर 1801 ई0 को सहायक संधि‍ के अन्‍तर्गत अवध के नवाव से ईस्‍ट इण्‍डि‍या कम्‍पनी को अधि‍कार मि‍लने से पूर्व इस पर दोनों सत्‍ताओं मराठों तथा अवध का अधि‍कार  था। यमुना  के दक्षि‍ण  का भूभाग जि‍समें  चक्रनगर, सहसों तथा  सि‍ण्‍डौस शामि‍ल थे मराठों के अधीन था। शेष भाग अवध के पास था। यमुना के पास वाला क्षेत्र  ईस्‍टइण्‍डि‍या कम्‍पनी के  पास 1805 ई0में आ गया। 1816 ई0 में कम्‍पनी  इस क्षेत्र  पर वास्‍तवि‍क नि‍यंत्रण  स्‍थापि‍त  कर पाई। यह क्षेत्र कानपुर के अधीन कर दि‍ये गये और इटावा  में डब्‍लू0ओ0 अलमान को प्रथम कलैक्‍टर बनाकर भेजा गया। कुछ समय तो शान्‍ि‍तमय व्‍यतीत हुआ। डलहौजी की व्‍यक्‍ि‍तगत संधि‍ के कारण वि‍देशी राज्‍यों मे अपने अधि‍कार हनन को लेकर ईस्‍ट इण्‍डि‍या कम्‍पनी  के वि‍रूद्ध आक्रोश व्‍याप्‍त हो चुका था।

Share This
Ashish Bajpai
Ashish Bajpaihttps://etawahlive.com/
Content Writer, Call-7017070200, 9412182324, Email-cimtindia@gmail.com, बस एक क्लिक में जाने अपने इटावा को।
spot_img
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

वोट करें

हमारा इटावा

११ वीं ई० १२ वीं शताव्दी में इटावा

१०१८ ई० तक कन्नोज के राठौर वंशी राजा इटावा पर शासन करते रहे थे उसी समय जब महमूद गजनी भारत के बारहवें आक्रमण मैं...

शिक्षाविद

नमिता तिवारी: एक महिला सशक्तिकरण के चमकते सितारे का अद्भुत सफ़र

नमिता तिवारी का जन्म 4 जुलाई 1969 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के मुबारकपुर गांव में हुआ। उनके पिता का नाम श्री अरविन्द...

राजनीतिज्ञ

अभिषेक यादव अंशुल: जनता के दिलों में बसे युवा सपा नेता

अभिषेक यादव अंशुल: जनता के दिलों में बसे युवा सपा नेता अभिषेक यादव अंशुल का जन्म 29 सितंबर 1987 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले...

प्रशासनिक अधिकारी

अभिनव रंजन श्रीवास्तव एक प्रभावी प्रशासनिक अधिकारी और कुशल टीम प्रबंधक

उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक सेवा में अपनी कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन से पहचान बनाने वाले इटावा के अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव आज...

प्रमुख संस्थान

इटावा में पारंपरिक मारवाड़ी खाने का अद्वितीय स्थान : चोखो थाली

इटावा में चोखो थाली न केवल अपने उत्कृष्ट भोजन के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ का माहौल और आतिथ्य भी अद्वितीय है। जैसे ही...

चिकित्सक

डॉ. सतेन्द्र सिंह यादव: सेवा संकल्प के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान

स्वास्थ्य हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम अगर एक ऐसे व्यक्ति की बात करें जो स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय...

चर्चित व्यक्तिव

पिया बाजपेई: एक प्रतिभाशाली अदाकार का सफ़र

पिया बाजपेई: भारतीय फिल्म और मॉडल जो प्रमुख रूप से बॉलीवुड और साऊथ फिल्मों में प्रदर्शन करती हैं। वह वेंकट प्रभु की कॉमेडी फिल्म...

पत्रकार

अन्नू चौरसिया: एक युवा और कर्मठ पत्रकार

अन्नू चौरसिया का जन्म 4 जुलाई 1990 को इटावा के मशहूर मोहल्ला पुरबिया टोला में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. लालचंद्र चौरसिया और...

टॉप आर्टिकल्स

शरद तिवारी की अनमोल सेवा, लावारिस शवों को दिलाई गरिमामयी विदाई

शरद तिवारी: एक समर्पित समाजसेवी इटावा में शरद तिवारी का नाम समाज सेवा और मानवता के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है।...

व्यवसायी

सर्वेश यादव : एक समर्पित समाजसेवी और सुरक्षा एजेंसी के प्रबंधक

सर्वेश यादव, जनपद इटावा ही नहीं पूरे प्रदेश की सबसे भरोसेमंद सिक्योरिटी एजेंसी "एस.के. ग्रुप ऑफ सिक्योरिटी सर्विस" के प्रबंधक हैं। वे एक व्यवहार...

समाजसेवी

शरद तिवारी की अनमोल सेवा, लावारिस शवों को दिलाई गरिमामयी विदाई

शरद तिवारी: एक समर्पित समाजसेवी इटावा में शरद तिवारी का नाम समाज सेवा और मानवता के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है।...

पूर्व अधिकारी