यहाँ कहीं न कहीं जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने का रहस्य यही है कि हम कठिनाइयों के मुकाबले संघर्ष करते हैं और निरंतर प्रयास करते हैं। इसी मंत्र को अपनाकर प्रख्यात पत्रकार वेदव्रत गुप्ता ने अपनी यात्रा की उंचाइयों को छूने का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। वेदव्रत गुप्ता का जन्म 7 अक्टूबर, 1955 को जसवन्तनगर में हुआ। उनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री देव व्रत जी गुप्ता आर्य था और जन्म देने वाली माँ का नाम स्वर्गिया ओमबती गुप्ता, हालांकि पहली मां का मात्र 9 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वेदव्रत गुप्ता का आगे का लालन पालन उनकी माँ स्वर्गीया ज्ञानवती गुप्ता किया।
वेदव्रत का शौक विज्ञान में था और उन्होंने अपनी शिक्षा में उच्चतम स्तर तक अध्ययन किया है। उन्होंने M.Sc. की उपाधि जंतु विज्ञान विषय और M.Phil. की उपाधि कीट विज्ञान विषय से प्राप्त की ।
वेदव्रत गुप्ता की पत्नी का नाम सीमा देवी गुप्ता हैं। वेदव्रत और सीमा एक दूसरे के प्रति अत्यंत प्रेम और सम्मान का भाव रखते है। पूजा व्रत गुप्ता, वेदव्रत और सीमा देवी की पहली संतान हैं। वह लेखक हैं और अभी ऑस्ट्रेलिया में हैं। दीपा व्रत गुप्ता वेदव्रत और सीमा देवी की दूसरी संतान हैं। वह आगरा में निवास करती हैं, अनमोल गुप्ता वेदव्रत और सीमा देवी की तीसरी संतान हैं। वह नोएडा में नौकरी करते हैं।
सफलता की कहानी एक पत्रकार की दृष्टि से
वेदव्रत गुप्ता का पत्र पत्रिकाओं में लेखन का सफर वर्ष 1977 से शुरू हुआ। उनके लेख देश और विदेश की पत्र-पत्रिकाओं में 400 से अधिक बार प्रकाशित हुए। उन्होंने वर्ष 1978 में दैनिक देशधर्म, इटावा से पत्रकारिता की शुरुआत की। उन्होंने वर्ष 1979 में दैनिक आज कानपुर से जुड़कर वर्ष 1982 तक जिला संवाददाता के रूप में कार्य किया। उन्होंने वर्ष 1987 में दैनिक माधव संदेश, इटावा में सब एडिटर के पद पर कार्य किया।
वेदव्रत गुप्ता वर्ष 1987 से 1990 तक जनसत्ता, नई दिल्ली के जिला संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे। उनकी रिपोर्टिंग इंडियन एक्सप्रेस में भी में भी छपी। इसके बाद वे एक वर्ष तक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते हुए दैनिक देशधर्म के एडिटोरियल सहायक के रूप में स्वर्गीय देवीदयाल दुबे जी के सानिध्य में काम करते रहे।
सन् 1992 से 2015 तक वेदव्रत गुप्ता लगातार 23 वर्षों तक दैनिक जागरण के जसवंतनगर और सैफई इलाके के संवाददाता रहे। उनकी रिपोर्टिंग में कछपुरा कांड और नगला विशुन कांड जैसे महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग और खुलासा शामिल है। नगला विशुन कांड में, एक चाचा ने अपने पूरे परिवार को मारकर यमुना नदी में बहा दिया था और फिर घर में ताला लगाकर फरार हो गया था। वेदव्रत गुप्ता की रिपोर्टिंग से इस घटना का खुलासा हुआ था।
वेदव्रत गुप्ता उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार मान्यता प्राप्त हैं। सन् 2016 में उन्होंने फिर से दैनिक आज के साथ कम करना शुरू किया। उन्होंने जसवंतनगर टाइम्स पोर्टल की शुरुआत की है और कई अन्य न्यूज़ पोर्टल्स के लिए समाचार प्रेषण का काम कर रहे है।
सामाजिक कार्यकर्ता और साहित्यकार
वेदव्रत गुप्ता एक प्रख्यात पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और साहित्यकार हैं। उन्होंने पत्रकारीता काल के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। सन् 1996 में सैफई महोत्सव को उन्होंने स्वर्गीय श्री रणवीर सिंह के साथ मिलकर आरंभ किया। इस महोत्सव के संस्थापक प्रबंधक के रूप में वह अब तक कार्य कर रहे है,
वेदव्रत गुप्ता सैफई महोत्सव के दौरान कवि सम्मेलन और दंगल जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहे है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से उन्होंने लोक कला, संस्कृति और हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है। वे इन आयोजनों में देश के प्रमुख खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों को शामिल करके इटावा और आसपास की ग्रामीण जनता को उनसे रूबरू कराने का प्रयास करते रहे है।
जसवंत नगर में वेदव्रत गुप्ता कई सामाजिक संस्थाओं के अध्यक्ष और पदाधिकारी हैं। इनमें शंकर बारात समिति, शांतिवन, केला देवी मंदिर, लायंस क्लब और अन्य कई संस्थाएं शामिल हैं। उन्होंने इन संस्थाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा करने का संकल्प लिया है।
वेदव्रत गुप्ता ने जसवंत नगर की ऐतिहासिक डेढ़ शताब्दी पुरानी मैदानी रामलीला पर 300 पेज की पुस्तक लिखी है, जिसे 2017 में विमोचित किया गया। इस पुस्तक में देश की जानी-मानी हस्तियां ने अपना समर्थन दिया है। वेदव्रत गुप्ता ने कोरोना महामारी के समय जरूरतमंद लोगो की मदद करने में अपनी पूरी क्षमता से सहयोग दिया है। उन्होंने विभिन्न सामाजिक कार्यों, भोजन वितरण और आर्थिक सहायता के माध्यम से जरूरतमंद लोगो की जरूरतों को पूरा किया है। वेदव्रत गुप्ता एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी प्रगतिशील सोच, सेवा भावना और सामाजिक संघर्ष के माध्यम से समाज के विकास में योगदान दे रहे हैं।
बीरेश मिश्रा, ब्यूरो चीफ, अमृत विचार समाचार पत्र का मानना है की वेदब्रत गुप्ता सिर्फ एक पत्रकार ही नहीं है वे पत्रकारिता की पाठशाला हैं। 80 के दशक से जो पत्रकारिता उन्होंने की वह किसी तपस्या से कम नहीं थी। उनकी वह जीवटता अनुकरणीय हैं। वह एक बहुआयामी व्यक्तित्व और लेखन के धनी हैं। आज भी उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
दैनिक जागरण इटावा के ब्यूरो चीफ गौरव डुडेजा कहते है वेदव्रत गुप्ता ने कड़े संघर्षों के बाद जमीन से उठकर पत्रकारिता में अपना मुकाम बनाया है यह पूरे जनपद के पत्रकारों के लिए आदर्श है। पत्रकारिता में एक दिन में सम्मान नहीं पाया जा सकता । आज इतनी उम्र में भी उनका जज्बा कमाल का है I
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