Monday, November 11, 2024

जब नेहरू और गांधी आंदोलन को गति‍ देने इटावा आये

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स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इटावा और इटावा मुख्‍य कस्‍वों मे पूरी तरह हड़ताल रही। पुलि‍स ने जुलूसों पर डण्‍डे बरसाये। इसी समय पं0 जवाहर लाल नेहरू ने इटावा आकर आन्‍दोलन को गति‍ दी। नवम्‍बर सन् 1928  में गांधी जी का इटावा में पदार्पण हुआ, उन्‍हें 8010 रूपये की थैली भेंट की गयी।  वे औरैया, कंचौसी, बकेवर और भर्थना भी गये जहां उन्‍हें  थैलि‍यां भेंट की गयीं।

इटावा की मुख्‍य घटनाओं में गवर्नमेण्‍ट इण्‍टरमीडि‍एट  कालेज का पि‍केटि‍गं भी था  जो 10 अगस्‍त को चार छात्रों  के नि‍ष्‍कासन के वि‍रोध में हुआ। जि‍समें लगभग एक हजार कांग्रेस स्‍वयंसेवक गि‍रफ्तार  हुये थे । सारे जि‍ले में शराब और वि‍लायती कपड़ों की दूकानों पर, कचहरी  और स्‍कूलों में धरना दि‍या गया। गांव-गांव कांग्रेस की सभाएं की जाती थीं जि‍नमें  जोशीले गानों  और व्‍याख्‍यानों  द्वारा जि‍ले  की जनता में जोश ओर उत्‍साह भरा  जाता था। इस बार के आन्‍दोलन ने  कांग्रेस को अधि‍क जोरदार और प्रभावशाली बना दि‍या और देहात के कि‍सान वर्ग में इसकी जड़ें  फैल गई। जि‍ले के लगभग दो हजार व्यक्ति जेल गये। सारे प्रदेश में जि‍ले का स्‍थान चौथा रहा।

सन् 1930 का यह वर्ष जोशीली घटनाओं  से भरा हुआ था, लोगों के दि‍लों  में वि‍श्‍वास हो गया कि‍ देश वि‍जय की ओर बढ़ रहा है और स्‍वराज्‍य नि‍कट आ रहा है। इन आन्‍दोलन  में लगान बंदी पर अधि‍क जोर दि‍या गया।

Ashish Bajpai
Ashish Bajpaihttps://etawahlive.com/
Content Writer, Web Developer, Video Editor, Graphic Designer, किसान, लेकिन सबसे पहले भारतीय, Call-7017070200, 9412182324, [email protected], बस एक क्लिक में जाने अपने इटावा को।

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