Saturday, September 21, 2024
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आगरा सूबे में चला गया इटावा का कुछ भाग

शेरशाह तथा सूर शासन के पश्‍चात 1556 ई0 से अकबर का राज्‍य स्‍थापि‍त हो गया। अकबर के काल में इटावा का कुछ भाग आगरा सूबे में चला गया। यहां पर फौजों  की टुकड़ि‍यां तैनात कर दी गयीं। इटावा के गवर्नर अली  कुलीखां  को तथा जागीरदार बहादुर खां को बनाया गया। 1601  ई0 में शहजादे सलीम ने इलाहाबाद में वि‍द्रोह कर दि‍या। सलीम को इटावा के चौहानों ने सहायता का आश्‍वासन  दि‍या था। सलीम जब इटावा पहुंचा तब तक अकबर ने सख्‍त कदम उठा लि‍ये थे,बाद में सलीम वापस इलाहाबाद लौट गया। अकबर तथा सलीम के मध्‍य समझौते में इटावा के चौहानों की वि‍शेष भूमि‍का रही थी।

औरंगजेब के पश्‍चात मुगल साम्राज्‍य का विघटन  प्रारम्‍भ हुआ। देश के वि‍भि‍न्‍न भागों में राजपूत एवं मुस्‍ि‍लम सामन्‍त स्‍वतंत्र होने लगे। इटावा के चौहानों ने केन्‍द्र को राजस्‍व देना बन्‍द कर दि‍या और वि‍द्रोही माने गए 1714 ई0 में मुगल बादशाह  फरूखशि‍यर ने एक बार फि‍र चौहानों  के दमन के  लि‍ये एक  सेना  भेजी  लेकि‍न यह दमन भी कालजयी नहीं हुआ।

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