बकेवर:- लवेदी थाना क्षेत्र के गांव सब्दलपुर टकरुपुर के बीहड़ में यमुना नदी की तलहटी में स्थित महाभारत कालीन हमीरपुरा शिव मंदिर तक पहुंचने का मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से आध्यात्मिक पर्यटन नीति के तहत इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की मांग की है।
लखना चकरनगर मार्ग स्थित ग्राम सब्दलपुर से दो किलोमीटर दूर यह प्राचीन मंदिर स्थित है। यह अकबर के नवरत्नों में से एक कवि गंग की जन्मस्थली इकनौर के पास है। सावन माह और शिवरात्रि पर भक्तगण श्रंगीरामपुर तथा श्रृंगीऋषि के आश्रम से कांवर लाकर यहां जलाभिषेक करते हैं।
स्थानीय मान्यता के अनुसार, लाक्षागृह की घटना के बाद जब पांडव अज्ञातवास में थे, तब भीम और हिडिंबा ने इसी स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी। भीम ने हिडिंब का वध किया था और बाद में हिडिंबा से गंधर्व विवाह किया था। दोनों ने पुत्र प्राप्ति की अभिलाषा से यहां भगवान शिव की आराधना की थी।
क्षेत्र में राक्षसों या डकैतों का खौफ होने के बावजूद, लोग इस दुर्गम जंगल में स्थित मंदिर में बिना किसी भय के पूजा करने आते हैं। मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। लेकिन अब तक न तो धर्मालंबियों ने और न ही शासन-प्रशासन ने इस मंदिर का विकास कराया है।
क्षेत्र के समाजसेवी क्षीरेन्द्र अवस्थी, अशोक अग्निहोत्री सहित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर मांग की है। उन्होंने आध्यात्मिक पर्यटन नीति के तहत हमीरपुरा मंदिर का जीर्णोद्धार कराने के साथ-साथ मंदिर तक पहुंचने के लिए संपर्क मार्ग के निर्माण की भी मांग की है। इससे श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में सुविधा होगी।