इटावा के ऊसराहार कस्बे में मिठाई विक्रेता राजीव कौशल के साथ खाद्य विभाग के एक अधिकारी द्वारा मारपीट, रिश्वत मांगने और घर में घुसने के आरोप को लेकर व्यापारियों में आक्रोश फैल गया। इस प्रकरण को लेकर उघोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित के नेतृत्व में जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल से मिला और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने असिस्टेंट फूड कमिश्नर राजेश द्विवेदी से भी मुलाकात की और उनके अधीनस्थ अधिकारियों की कार्यशैली पर आपत्ति दर्ज कराई। जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित ने कहा कि फील्ड में कार्यरत अधिकारी यह मानसिकता छोड़ें कि हर व्यापारी चोर है। आज के प्रतिस्पर्धा के दौर में व्यापारी अपने ग्राहकों को बेहतर और शुद्ध सामग्री देने का प्रयास करता है। उन्होंने यह भी कहा कि फूड सेफ्टी के जो मानक हैं, वे अब पुराने हो चुके हैं। खेतों में अंधाधुंध कैमिकल उपयोग के चलते दूध सहित अन्य खाद्य पदार्थों का रासायनिक संतुलन बिगड़ गया है।
वहीं, अभिहीत अधिकारी ने व्यापारियों से आग्रह किया कि मिठाइयों में रंगों का उपयोग कम से कम करें, क्योंकि अधिक रंगों की वजह से सैंपल फेल होने की संभावना अधिक होती है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से शहर अध्यक्ष दिनेश कुमार यादव, रेडीमेड एसोसिएशन अध्यक्ष देव गुप्ता, शहर उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान, उमाकांत दीक्षित, उद्योग मंच अध्यक्ष भारतेन्द्र भारद्वाज, सिकंदर वारसी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।