संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती ग्राम पंचायत राहिन में बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर समाज सुधार समिति के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत समिति के अध्यक्ष भंते प्रज्ञा दीप द्वारा दीप प्रज्वलन और मोमबत्तियां जलाकर की गई।
समिति के उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह गुड्डू ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान पूरे ग्राम पंचायत में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों अनुयायियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस शोभायात्रा में बाबा साहब डॉ. अंबेडकर और भगवान बुद्ध की झांकियों को प्रदर्शित किया गया, जिसने लोगों को उनके जीवन और संदेशों की याद दिलाई। डॉ. भीमराव अंबेडकर इंटर कॉलेज के प्रबंधक प्रेम सागर ने भी बाबा साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम में समिति के प्रबंधक बीपी राजन ने संबोधित करते हुए कहा कि समाज को बाबा साहब के बताए हुए रास्ते पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छुआछूत और सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध बाबा साहब का संघर्ष आज भी प्रेरणादायक है। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से टॉपर रहकर यह सिद्ध किया कि ज्ञान ही असली ताकत है।
समिति के सचिव दिव्यांशु राजन ने कहा कि बाबा साहब ने बौद्ध धर्म अपनाकर समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि उनकी जयंती तभी सार्थक होगी जब हम उनके विचारों को जीवन में आत्मसात करें। कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि डॉ. अंबेडकर की जयंती का असली उद्देश्य तभी पूरा होगा जब हम उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं।
कार्यक्रम में ग्राम के युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। सैकड़ों युवाओं ने मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया, जिसमें “बाबा तेरा मिशन अधूरा, हम सब मिलकर करेंगे पूरा” जैसे नारों से पूरा गांव गुंजायमान हो उठा। ग्राम प्रधान रवितेश कुमार उर्फ मनोज शाक्य ने अंबेडकर पार्क पहुंचकर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर समिति के समस्त पदाधिकारियों सहित सनी प्रताप सिंह, धर्मेंद्र कुमार, राजीव कुमार, महेंद्र प्रताप सिंह, सौरभ कुमार, दिव्यांशु राजन, राकेश कुमार, मलखान सिंह, ईश्वर दयाल, रामस्वरूप, नीशू, पुष्पा राजन, बीना देवी, टैमस, गोलू, विजय सिंह दिवाकर आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस भव्य आयोजन ने ग्राम राहिन में सामाजिक एकता और समरसता का संदेश देते हुए बाबा साहब के विचारों को जीवंत किया।