सैफई। चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को नया आयाम देने वाले डा. सुशील कुमार यादव को उनकी अनूठी खोज के लिए ‘वर्ष 2025 के शोधकर्ता’ का प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ है। यह सम्मान उन्हें आगरा में आयोजित एक भव्य समारोह में रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया के अध्यक्ष प्रो. अनुज महेश्वरी द्वारा प्रदान किया गया। डा. सुशील कुमार यादव की यह उपलब्धि चिकित्सा क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान और डायबिटीज मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों की एक बड़ी पहचान है।
डा. सुशील कुमार यादव उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने डायबिटीज मरीजों के लिए एक अनूठी नॉन-इनवेसिव तकनीक की खोज की है, जिससे बिना सुई के ब्लड शुगर की जांच की जा सकेगी। इस तकनीक में एक पैच का उपयोग किया जाएगा, जो मरीज की त्वचा पर चिपकाया जाएगा और इससे ब्लड शुगर स्तर की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। यह नवाचार डायबिटीज मरीजों के लिए न केवल आरामदायक होगा, बल्कि यह मधुमेह नियंत्रण में एक बड़ी सफलता साबित होगा।
इस नई तकनीक को भारत सरकार ने नवंबर 2024 में पेटेंट प्रदान किया है, जिससे यह पुष्टि हो गई है कि यह तकनीक दुनियाभर में मधुमेह प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। डा. सुशील कुमार यादव का यह शोध न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जो डायबिटीज जैसी वैश्विक समस्या के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
डा. सुशील कुमार यादव पिछले आठ वर्षों से चिकित्सा सेवा में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने शोध और नवाचारों के जरिए डायबिटीज जैसे जटिल रोग के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका उद्देश्य है कि वे ऐसी तकनीकों का विकास करें जो मरीजों के जीवन को आसान बनाए और उनका इलाज अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके। उनका यह कार्य चिकित्सा विज्ञान में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
डा. सुशील ने अपनी इस खोज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ब्लू-ग्रीन एल्गो जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है। यह तकनीक मरीज के शरीर से जुड़कर उनके स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। इसके माध्यम से डायबिटीज मरीजों को न केवल ब्लड शुगर की सटीक जानकारी मिलेगी, बल्कि इसका उपयोग अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निदान में भी किया जा सकेगा।