उदी बरेली-इटावा-ग्वालियर हाईवे को सिक्स लेन बनाने की मांग जोर पकड़ने के साथ ही इटावा सीमा क्षेत्र में आने वाले कई गांवों के लोगों में बेचैनी बढ़ गई है। इन गांवों के सड़क किनारे रहने वाले लोगों को अपने मकान और दुकानें टूटने का डर सता रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस हाईवे को सिक्स लेन बनाने के लिए जल्द ही डीपीआर तैयार की जाएगी और वर्ष 2025 में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसी मांग को लेकर भिंड सांसद संध्या राय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और उन्हें एक मांग पत्र सौंपा है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने इस मामले पर सोमवार को विस्तृत चर्चा के लिए समय दिया है।
मांग पत्र में कहा गया है कि ग्वालियर-इटावा हाईवे पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। इसलिए इस हाईवे को तत्काल सिक्स लेन बनवाए जाने की आवश्यकता है। लेकिन, हाईवे के चौड़ीकरण से सड़क के किनारे बसे कई गांवों के लोगों के घरों और दुकानों पर खतरा मंडरा रहा है। इन लोगों की चिंता है कि हाईवे चौड़ा होने के दौरान उनके मकान और दुकानें टूट सकती हैं।
मकान और दुकानें टूटने का डर: सड़क के किनारे बसे लोगों को सबसे ज्यादा डर इस बात का है कि हाईवे चौड़ा होने के दौरान उनके मकान और दुकानें टूट सकती हैं। मुआवजे की मांग: कई लोग मुआवजे की मांग कर रहे हैं ताकि वे एक नई जगह पर अपना घर बना सकें। विकास के नाम पर विस्थापन: कुछ लोगों का मानना है कि विकास के नाम पर उन्हें अपने घरों से बेदखल किया जा रहा है। मुआवजे का मुद्दा: हाईवे चौड़ा होने से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का मुद्दा एक बड़ी चुनौती है। विकास और विस्थापन का संतुलन: सरकार को विकास और विस्थापन के बीच संतुलन बनाना होगा। कानूनी प्रक्रिया: हाईवे चौड़ा करने के लिए कई कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।