राज्य सरकार ने नर्सिंग होम के नवीनीकरण की प्रक्रिया में राहत प्रदान करते हुए इसे अब हर एक वर्ष की बजाय पांच साल में करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से नर्सिंग होम संचालकों को बड़ा लाभ होगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन पालीवाल ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि आईएमए का एक प्रतिनिधि मंडल 16 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मिला था। इस बैठक में डाक्टरों की सुरक्षा और उनके पेशेवर समस्याओं पर चर्चा की गई थी। मुख्यमंत्री ने आईएमए की प्रमुख मांग को स्वीकार किया, जिसके तहत सीएमओ रजिस्ट्रेशन के वार्षिक नवीनीकरण को बढ़ाकर पांच वर्ष करने का आश्वासन दिया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, रंजन कुमार की ओर से इस आशय का आदेश शासन द्वारा जारी कर दिया गया है। अब नर्सिंग होम को हर पांच साल में अपना नवीनीकरण कराना होगा, जबकि पहले यह प्रक्रिया हर साल होती थी।
इसके अतिरिक्त, अब अस्पतालों को बाहर एक बड़ा डिस्प्ले बोर्ड लगाने का निर्देश भी दिया गया है, जिसमें अस्पताल की पंजीकरण संख्या, संचालक का नाम, बेड की संख्या, औषधि पद्धति, डॉक्टर और नर्सों के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह कदम अस्पतालों में ट्रांसपेरेंसी और सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
डॉ. मदन मोहन पालीवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया और कहा कि यह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की कई वर्षों से चली आ रही एक महत्वपूर्ण मांग थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मानते हुए लागू किया। इस निर्णय से नर्सिंग होम संचालकों और डॉक्टरों को राहत मिलेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।