इटावा। इटावा जिला महिला अस्पताल की हौसला ट्रेनिंग सेंटर पर पांच दिवसीय विशेष स्किल वर्थ अटेंडेंट्स (एएसबी) प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षित 12 स्वास्थ्य कर्मी अब 16 दिन तक प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसरेहर, जसवंतनगर में प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं से निपटने के संदर्भ में प्रैक्टिकल स्तर पर काम करेंगे। यह जानकारी जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रशिक्षण दाता डॉ०यश्मिता सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि जच्चा-बच्चा की बेहतर देखभाल के साथ मातृ और शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए यह प्रशिक्षण बहुत जरूरी था। प्रशिक्षण प्राप्त टीम अब जब डिलीवरी रूम में तय प्रोटोकॉल के अनुसार काम करेगी तो प्रसव जटिलताओं कम करने में मदद मिलेगी।
डॉ०यश्मिता ने बताया कि मातृ शिशु मृत्यु दर रोकने व प्रसव की जटिलताओं को कम करने के संदर्भ में इस प्रशिक्षण में कई तकनीकी बिंदुओं पर गहनता से जानकारी प्रदान की गई l
उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद 24 घंटे मां और शिशु के लिए महत्वपूर्ण होते हैं उस दौरान उनकी विशेष देखभाल सुनिश्चित करनी आवश्यक होती है जैसे- सभी प्रकार के टीके लगाने का काम,खानपान और स्वच्छता के संदर्भ में जानकारी और प्रसूता को बच्चे की देखभाल संबंधी जानकारी देना आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में पहले भी (फरवरी,मार्च) 3 बैच को प्रशिक्षित किया जा चुका है और आगे भी इस तरह का प्रशिक्षण होता रहेगा।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता
सीपी सिंह ने बताया प्रशिक्षण में एएनएम,स्टाफ नर्स और आयुष महिला चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर सफलता पूर्वक प्रसव कराया जाए और जच्चा और बच्चा को उचित देखभाल मिले।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ०गिरधारी व नर्स मेंटर वंदना दुबे, स्टाफ नर्स उमा यादव, अंजू माथुर और सभी सामुदायिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम स्टाफ नर्स अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।