Wednesday, November 5, 2025

सफल उद्यमी से शिक्षाविद् : अतिवीर सिंह यादव का अनोखा सफ़र

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अतिवीर सिंह यादव एक ऐसे प्रख्यात व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने परिश्रम और संघर्ष से शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया हैं। अतिवीर सिंह यादव का जन्म 01 दिसम्बर 1967 को ग्राम खेड़ा हेलू , बसरेहर, इटावा के एक सामान्य परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. श्री नारायण सिंह (मुखिया जी) था। मुखिया जी भारत के पूर्व रक्षा मंत्री, मुलायम सिंह यादव और सपा के वर्तमान  राष्ट्रीय महासचिव, शिवपाल सिंह यादव के सहयोगी रहे हैं। मुखिया जी का सपना था कि उनका पुत्र शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर के अपना नाम रोशन करे। वे अक्सर अपने पुत्र को शिक्षा की महत्ता बताते थे और अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। अतिवीर सिंह यादव की माता का नाम स्व. श्रीमती सावित्री देवी था जो कि गृहिणी थी। अतिवीर सिंह यादव की पत्नी का नाम मीना यादव है। उनकी पत्नी उनके जीवन की आधारशिला हैं, जिन्होंने निरंतर सुख दुःख में उनका साथ दिया है । उनके दो पुत्र हैं – डॉ विकास यादव और सलिल यादव। दोनों ने मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की उपाधि हासिल की है। वे अपने पिता के मार्गदर्शन में शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र में  योगदान देते हुए अपने करियर को आगे बढ़ा रहे हैं।

अतिवीर सिंह यादव में बचपन से ही कुछ बड़ा करने की लगन थी। उनके घर के बड़े बताते हैं कि वे बचपन से ही ढृढ़ संकल्पी रहे हैं और जिस कार्य को करने की ठान लेते थे उसे कर के ही छोड़ते थे। बचपन में एक बार घर में पड़े कुछ बेकार सामान से अपने व्यापर कौशल का प्रयोग कर के 100 रूपए कमाए जो उस समय एक बड़ी उपलब्धि थी। अतिवीर सिंह यादव ने स्नातक की उपाधि हासिल की है। उन्होंने कक्षा 12 उत्तीर्ण करने के बाद से ही अपने सपनों को साकार करने के प्रयत्न शुरू कर दिए थे। उन्होंने अपने व्यापर की शुरुआत मात्र 500 रूपए से की। उन्होंने 1987 में “विकास बिल्डर्स कंस्ट्रक्शन फर्म” की स्थापना की और जल्द ही प्रदेश की प्रमुख कंस्ट्रक्शन फर्मों में अपना नाम दर्ज कराया। वे प्रदेश के ए  – क्लास कॉन्ट्रैक्टर रहे हैं और उन्होंने देश के बड़े-बड़े सड़क और हाईवे परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। अपनी लगन और कभी हार ना मानने वाली ढृढ़ इच्छा से वह आगे बढ़ते रहे और आज वह  एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और सफल व्यापारी हैं । व्यापारिक सफलता और शिक्षा के क्षेत्र में इनके योगदान की प्रशंसा की जाती है।

वर्ष 2010  में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा और माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल नामक शिक्षण संस्थान  की स्थापना की। “साक्षरता से शिक्षा की ओर” की सोच रखने वाले अतिवीर सिंह यादव का मानना है कि आने वाली पीढ़ीओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहुत आवश्यक है इसलिए उन्होंने कंस्ट्रक्शन कार्यों को छोड़कर 15 एकड़ में फैले भव्य शिक्षण  संस्थान की स्थापना की। उनके द्वारा स्थापित किये गए शिक्षण संस्थान में छात्रों को अद्यतन और प्रगतिशील पाठ्यक्रम, उन्नत शिक्षण माध्यम, और विभिन्न कौशलों का विकास करने का अवसर मिलता है। उनका प्रमुख लक्ष्य है कि छात्रों का संपूर्ण विकास किया जाए, जिसमें उनकी शिक्षा, व्यक्तित्व विकास, और सामाजिक-भावनात्मक विकास शामिल हो। इन सभी से छात्रों को सही मार्गदर्शन, महत्वपूर्ण ज्ञान और आत्मविश्वास मिलता है जो उन्हें उच्चतम सफलता की ओर ले जाता है।

शिक्षाविद् के रूप में उन्होंने अपने जीवन में अनेक युवाओं को बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित किया है। उनकी निर्धारित संगठनात्मक क्षमता, योग्यता, और अद्यतन ज्ञान ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति बना दिया है। उनका योगदान युवाओं के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने तक ही नहीं सिमटता है, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण है। वे एक सच्चे समाजसेवी भी हैं जो समाज के ज़रूरतमंदो की हमेशा से मदद करते रहे हैं।

शिक्षाविद् अतिवीर सिंह यादव के बारे में कहा जा सकता है कि वे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के निर्माता हैं और समाज को शिक्षित, सक्षम और सशक्त बनाने का मार्गदर्शन करते रहेंगे। अतिवीर सिंह यादव की प्रेरणादायक कहानी एक ऐसा उदाहरण है, जो हमें बताता है कि संघर्ष और मेहनत से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनका योगदान शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है और उनके संघर्षों  की कहानी आने वाली पीढ़ियों को सामर्थ्य और साहस  प्राप्त करने की प्रेरणा देती रहेंगी।

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Ashish Bajpai
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