इटावा। विगत 7 जनवरी से 22 जनवरी तक चल रहे इंडियन मॉडर्न स्कूल सोनीपत, हरियाणा में सम्पन्न हुई सीबीएसई नेशनल जूडो चैंपियनशिप में जनपद इटावा के डीपीएस की कक्षा 10 की छात्रा सौम्या दीक्षित ने अपने 40 किलो भार वर्ग में सिल्वर मैडल जीत कर विद्यालय सहित जनपद इटावा का भी नाम रोशन किया है। ज्ञात हो कि, सौम्या ने जोनल जूडो प्रतियोगिता में पहले अपने ही भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था जिसके बाद वह नेशनल जूडो प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई हुई थी। इसी के साथ स्कूल के ही अन्य 14 बच्चों ने पिछली जोनल चैंपियनशिप में अलग अलग भार वर्ग में विभिन्न मेडल अपने अपने नाम किए थे। जिनमे से डीपीएस स्कूल के बच्चों ने 5 गोल्ड और 2 सिल्वर अपने नाम किए थे। ज्ञात हो कि जनवरी माह में इस नेशनल जूडो चैंपियनशिप में भारत देश से बाहर खाड़ी देश यूएई के लगभग 1000 छात्र छात्राएं भी प्रतिभाग कर रहे थे। विदित हो कि,सीबीएसई की प्रत्येक नेशनल प्रतियोगिता में विश्व भर से सीबीएसई स्कूल के विभिन्न छात्र छात्राएं प्रतिभाग करते है। इस वर्ष की प्रतियोगिता में जूडो कोच प्रभाकर सिंह व जूडो मैनेजर सृष्टि सिंह भी उचित निर्देशन के लिए सौम्या के साथ ही गए थे। विद्यालय की यशश्वी प्रिंसिपल भावना सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि,विद्यालय परिसर में बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ नियमित रूप से खेलाभ्यास कराया जाता है। जिससे कि पढ़ाई के साथ साथ ही बच्चे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर जीवन में आगे बढ़कर अपने देश का नाम रोशन कर सकें । उन्होंने बताया कि, स्कूल के स्थापना वर्ष से ही कई छात्र छात्राएं विभिन्न खेलों में प्रतिवर्ष ही नेशनल प्रतियोगिता में कई मैडल अपने नाम करते चले आ रहे है। जिनमे से बैडमिंटन,जूडो,स्केटिंग आदि खेल प्रमुख है। सौम्या की इस विशिष्ट उपलब्धि पर विद्यालय की प्रिंसिपल भावना सिंह सहित चेयरमैन डॉ विवेक यादव व वाइस चेयरमैन डॉ प्रीति यादव,जूडो कोच प्रभाकर सिंह व जूडो मैनेजर सृष्टि सिंह एवम् क्रीड़ा प्रभारी रेहान अजीज ने उज्जवल भविष्य के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
सौम्या सोनीपत में हुए कंपटीशन में बहुत अच्छा लगा मुझे मेरे परिवार और स्कूल के सर ने मुझे उत्साह वर्धन किया मेरा मनोबल बढ़ाया जिसके कारण मैंने इतने बड़े कंपटीशन में हिस्सा लिया। इस टूर्नामेंट में ऑल ओवर इंडिया के प्रतियोगी आए थे आज सिर्फ सिल्वर जीती अभी और तैयारी करूंगी और आगे जाऊंगी अगर स्कूल पेरेंट्स और टीचर ने सपोर्ट किया तो मैं शायद इंडिया के लिए खेलूंगी। मैं मैरीकॉम जैसी बनूंगी मैं उनको अपना आदर्श मानती हूं। मैं इंडिया का स्कूल का नाम रोशन करूंगी।
सौम्या की मां ने कहा कभी किसी को लड़का लड़की में फर्क नहीं समझना चाहिए दोनों को आगे बढ़ाना चाहिए। आजकल के माहौल को देखते हुए सभी लोगों को लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए इसलिए मैंने अपनी बेटी को जूडो कराटे में हिस्सा दिलाया। मेरी दोनों बेटियां इसी प्रकार की शिक्षा दूंगी। जिससे उनको किसी के सामने डरना न पड़े।
सौम्या के कोच प्रभाकर सिंह ने बताया हमारी ओर से बहुत अच्छी तैयारी रही थी हमारे चेयरमैन की तरफ सभी सुविधा उपलब्ध कराई थी सौम्या की चार फाइट हुई थी शुरुआत केरला , महाराष्ट्र,रायपुर,और फाइनल हरियाणा के प्रतियोगी से हुआ था यह ऑल ओवर इंडिया प्रतियोगिता हुई थी इसमें गल्फ जॉन के सभी पार्टिसिपेट शामिल थे। जनपद में भी एक अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है जिससे अन्य बच्चे भी ऐसे पार्टिसिपेट में शामिल हो सके
डीपीएस के चेयरमैन विवेक यादव ने बताया हम बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके अंदर जो अन्य प्रतिभा है उनको भी बढ़ावा देते हैं इसलिए खेल भी एक पढ़ाई का हिस्सा है बच्चों को अगर मौका मिलता है तो वह अच्छा करते हैं इसलिए जो भी बच्चा है जो अच्छा खेलते हैं उनको मौका देते हैं उनको प्रोताहित करते हैं। पहले यह माना जाता था सीबीएससी के बच्चे जो हार्ड गेम उन्नई खेलते थे स्कूल के बच्चे जूडो, ताइकांडो , हॉकी बैडमिंटन,और अन्य खेल है जिनमे उनको लगता है और उनको मौका मिलता है तो वह बाहर जाकर जीत कर आते हैं जिसमें सब का नाम रोशन होता है उनको भी खुशी होती है। 2013 में स्कूल की स्थापना के बाद हमारे बच्चे किसी न किसी खेल में है गोल्ड सिल्वर जीतकर आ रहे हैं फिर खेल बैडमिंटन हो मेडल जीतकर वह आते हैं तो निश्चित तौर पर स्टूडेंड के साथ स्कूल प्रबंधन को बेहद खुशी होती है। जिसके साथ अन्य बच्चे भी प्रोत्साहित होते हैं उनका भी मनोबल बढ़ता है जिससे वह आगे आते हैं।
अब समय बदल गया है अब खेलकूद में अच्छा कैरियर है हमारी स्कूल में बच्चे अपने मन के अनुसार कोई भी खेल खेल सकते हैं इस प्रकार के प्रोग्राम बना रखे हैं उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं होता है वह इच्छा अनुसार कोई भी खेल खेल सकते हैं उसी हिसाब से उन बच्चों को हमारे स्कूल के कोच उनको तैयार करते हैं उनको आगे बढ़ाते हैं।