19 मई 1857 ई0 को इटावा, आगरा रोड पर जसवन्तनगर के बलैया मंदिर पर निकट बाहर से आ रहे कुछ सशस्त्र विद्रोहियों और गश्ती पुलिस के मध्य मुठभेड़ हुई। विद्रोहियों ने मंदिर के अन्दर घुसकर मोर्चा लिया। ह्मूम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट डेनियल ने मंदिर का घेरा डाल दिया। गोलीबारी में डेनियल मारे गये। ह्मूम वापस इटावा लौट आये। पुलिस घेरा डाले रही लेकिन रात में आई भीषण आंधी का लाभ उठाकर विद्रोही भाग गए।
इस बीच मैनपुरी और अलीगढ़ 9 नम्बर की देशी पलटन ने विद्रोह कर दिया। इटावा के लिये खतरा और भी बढ़ गया था। ह्यूम ने दूरदर्शिता दिखाते हुये इटावा की देशी पलटन को बढ़पुरा की ओर रवाना होने का निर्देश दिया। इस पलटन के साथ इटावा मे रह रहे अंग्रेज परिवार भी थे।